नीट: द्वितीय राउंड के सीट आवंटन पर अभी रोक
नीट-यूजी की स्टेट काउंसिलिंग में द्वितीय राउंड की च्वाइस फिलिंग व सीट आवंटन तब तक नहीं किया जाएगा, जब तक केंद्रीय स्तर पर कोई निर्णय नहीं हो जाता।
देहरादून, [जेएनएन]: नीट-यूजी की स्टेट काउंसिलिंग में द्वितीय राउंड की च्वाइस फिलिंग व सीट आवंटन तब तक नहीं किया जाएगा, जब तक केंद्रीय स्तर पर कोई निर्णय नहीं हो जाता। इस पर काउंसिलिंग बोर्ड ने भी हामी भरी है। बता दें कि द्वितीय राउंड की च्वाइस 23 से 24 जुलाई तक भरी जानी है। जबकि सीट आवंटन 26 जुलाई को होना है।
दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने तमिल भाषा में नीट देने वाले अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए नीट की संशोधित मेरिट जारी करने का आदेश दिया है। परीक्षा में 49 प्रश्नों के अनुवाद में त्रुटि होने के कारण कोर्ट ने छात्रों को 196 ग्रेस मार्क्स देने को कहा है। जिसके बाद ऑल इंडिया स्तर का सीट आवंटन रोक दिया गया था। सीबीएसई ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।
सीबीएसई का तर्क है कि नीट की बुकलेट में स्पष्ट किया गया था कि हिन्दी समेत सभी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद में गड़बड़ी होने पर अंग्रेजी में प्रकाशित सवाल को सही माना जाएगा। ऑल इंडिया काउंसलिंग में 70 फीसदी सीटों पर एडमिशन पहले ही हो चुके हैं। दोबारा प्रक्रिया शुरू करने से हजारों छात्रों को परेशानी होगी।
एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विवि के कुलसचिव प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि च्वाइस फिलिंग व सीट आवंटन की कार्रवाई केंद्रीय स्तर पर कोई निर्णय हो जाने के बाद ही होगी। यदि तय तिथि से पहले निर्णय आ जाता है तो सब उसी मुताबिक होगा।
दाखिले से महरूम छात्रों को राहत
नीट-यूजी स्टेट काउंसिलिंग में सीट आवंटित होने के बाद भी दाखिले से महरूम चार छात्रों को काउंसिलिंग बोर्ड ने बड़ी राहत दी है। इन छात्रों को प्रवेशित माना जाएगा। एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय 25 जून से पांच जुलाई के मध्य प्रथम राउंड की काउंसिलिंग आयोजित की थी। जिसमें आवंटित सीट पर छात्रों को 12 जुलाई तक दाखिला लेना था। लेकिन हिमालयन इंस्टीट्यूट ने छात्रों को पुरानी फीस पर दाखिला देने से इन्कार कर दिया। जिस पर कई छात्रों ने नई फीस पर दाखिला लिया भी। जबकि 18 छात्र इस मामले में हाईकोर्ट चले गए। जिस पर हाईकोर्ट ने इन्हें पुरानी फीस पर दाखिला देने का आदेश दिया था। इस बीच चार छात्र ऐसे भी थे, जिन्होंने न नई फीस दी और न हाईकोर्ट गए। ऐसे में वह दाखिले से महरूम हो गए।
जबकि तय शुल्क वह एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विवि में जमा करा चुके थे। बुधवार को कुलपति प्रो. एचएस धामी की अध्यक्षता में आयोजित काउंसिलिंग बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इन चार छात्रों को प्रवेशित ही माना जाएगा। यानी, इन्हें आवंटित सीट भरी मानी जाएगी। यह पूरा मामला शासन को प्रेषित किया जा रहा है।
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