शहरों के कायाकल्प के लिए सात सिटी में अभी अमृत छलकना है बाकी
देहरादून समेत सात शहरों में चल रही अमृत परियोजना के तहत अभी वहां सीवरेज और जल निकासी नेटवर्क कवरेज की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया है।
देहरादून, केदार दत्त। शहरों के कायाकल्प के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी अमृत (अटल मिशन फॉर रिज्यूविनेशन एंड अरबन ट्रांसफॉर्मेशन) परियोजना से उत्तराखंड में अभी 'अमृत' छलकना बाकी है। शहरी विकास विभाग की इस परियोजना से संबंधित रिपोर्ट तो इसी तरफ इशारा कर रही है। देहरादून समेत सात शहरों में चल रही इस परियोजना के तहत अभी वहां सीवरेज और जल निकासी नेटवर्क कवरेज की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया है। यही नहीं, रुद्रपुर, काशीपुर और रुड़की शहरों में मानक के अनुसार रोजाना प्रति व्यक्ति प्रति दिन 135 लीटर पानी तक मुहैया नहीं हो पा रहा। इस सबको देखते हुए राज्य सरकार के भी कान खड़े हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2015 में देश के शहरों व कस्बों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के मद्देनजर अमृत परियोजना लांच की। इसमें उत्तराखंड के सात शहरों देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी-काठगोदाम, रुड़की, रुद्रपुर, काशीपुर व नैनीताल को शामिल किया गया। 616.39 करोड़ की परियोजना के तहत इन शहरों में प्रत्येक परिवार को पेयजल कनेक्शन, मानक के अनुसार जलापूर्ति, शौचालयों का शत-प्रतिशत कवरेज, सीवरेज नेटवर्क और जल निकासी को ड्रेनेज नेटवर्क से संबंधित कार्यों पर विशेष फोकस किया गया। अब इन शहरों में अमृत परियोजना के तहत हुए कार्यों की आई प्रगति रिपोर्ट ने सरकार के कान भी खड़े कर दिए हैं।
शहरी विकास विभाग की इस रिपोर्ट पर गौर करें तो शौचालयों का कवरेज तो शत-प्रतिशत हुआ है, लेकिन सीवरेज और ड्रेनेज नेटवर्क के मामले में स्थिति बेहतर नहीं हैं। सीवरेज नेटवर्क की ही बात करें तो इन शहरों में अभी तक औसतन 57 फीसद सीवरेज नेटवर्क कवरेज ही हो पाया है। इसमें 31.42 फीसद कवरेज पहले से ही था। रुद्रपुर में तो इस लिहाज से कोई कार्य नहीं हुआ है।
ड्रेनेज नेटवर्क को लें तो यह सभी शहरों में औसतन 42 फीसद के करीब है, जबकि इसमें करीब 32 फीसद कवरेज पहले से ही था। साफ है कि सीवरेज और ड्रेनेज के मामले में अभी बहुत कुछ होना बाकी है। वहीं, जलापूर्ति के आंकड़े देखें तो रुद्रपुर, काशीपुर व रुड़की में अभी भी क्रमश: 87, 70 व 125 लीटर पानी प्रति व्यक्ति प्रति दिन मिल पा रहा है। पेयजल कनेक्शन के मामले में हरिद्वार, देहरादून, हल्द्वानी, रुड़की व नैनीताल में स्थिति सुधरी है। वहां 90 से 100 फीसद परिवारों को पेयजल कनेक्शन दिए गए हैं। अलबत्ता, रुद्रपुर व काशीपुर में यह आंकड़ा अभी 55 फीसद से कम है।
अमृत योजना पर एक नजर
- 07 शहर हैं अमृत योजना में शामिल
- 138 प्रोजेक्ट हैं स्वीकृत
- 616.39 करोड़ रुपये है कुल बजट
- 102 प्रोजेक्ट अभी तक हुए मंजूर
- 468.94 करोड़ के हैं मंजूर हुए प्रोजेक्ट
- 36 प्रोजेक्ट की डीपीआर का होना है अनुमोदन
- 147.45 करोड़ रुपये खर्च होंगे 36 प्रोजेक्ट पर
योजना की प्रगति
- 16 प्रोजेक्ट अब तक हो चुके कंप्लीट
- 69 प्रोजेक्ट पर कार्य आवंटित
- 12 प्रोजेक्ट के हो चुके टेंडर
- 05 टेंडर प्रक्रियाधीन
- 88 फीसद परिवारों को पेयजल कनेक्शन
- 100 फीसद शौचालयों की कवरेज
- 57 फीसद ही सीवरेज नेटवर्क
- 42 फीसद है जल निकासी नेटवर्क
बोले मंत्री
मदन कौशिक (शहरी विकास मंत्री, उत्तराखंड) का कहना है कि शहरों के कायाकल्प के लिहाज से अमृत एक अहम परियोजना है और सरकार इसे लेकर गंभीर है। इसमें विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी ली गई है और अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इसमें सुधार लाएं। जल्द ही परियोजना के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। जहां भी कमियां होंगी, उन्हें दूर करने को ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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