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कॉर्बेट विस्थापितों के लिए खुशखबरी, मिलेगा भूमिधरी अधिकार

कॉर्बेट नेशनल पार्क के विस्थापितों के लिए खुशखबरी है। अब जल्द ही उन्हें भूमिधरी का अधिकार मिलने जा रहा हैै। राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में फैसला लिया गया।

By Edited By: Published: Sat, 16 Jun 2018 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 05:10 PM (IST)
कॉर्बेट विस्थापितों के लिए खुशखबरी, मिलेगा भूमिधरी अधिकार
कॉर्बेट विस्थापितों के लिए खुशखबरी, मिलेगा भूमिधरी अधिकार

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में तकरीबन तीन वर्षो से भूमिधरी अधिकारों की बाट जोह रहे कॉर्बेट नेशनल पार्क के विस्थापितों को खासी राहत दी गई है। बोर्ड ने पार्क से विस्थापित किए गए गांवों के प्रभावितों को भूमिधरी अधिकार देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही गढ़वाल व कुमाऊं को जोड़ने वाली कंडी रोड के निर्माण में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए एक कार्यकारी समिति बनाने का भी निर्णय लिया गया है।

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शुक्रवार को सचिवालय में हुई बोर्ड बैठक की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि राष्ट्रीय पार्को से विस्थापित कर अन्यत्र बसाए गए लोगों को उस स्थान पर भूमिधरी अधिकारी दिया जाएगा। इससे विशेषकर लालढांग, धारा, झेरना व कोटड़ी आदि गांवों के लोगों को खासा फायदा मिलेगा। इस प्रस्ताव को कैबिनेट से पारित कराने का निर्णय लिया गया। वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने बताया कि डब्लूआइआइ के सर्वे पर बोर्ड ने सर्वसम्मति से सहमति दी है। इसके साथ ही इस रोड को बनाने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा।

यह समिति सर्वे की अंतिम रिपोर्ट को पास कर नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सम्मुख प्रस्ताव भेजेगी। इसमें जो भी विधिक अड़चन आएंगी उसे दूर करने के लिए इको टूरिज्म बोर्ड को अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक में नेशनल पार्क के बफर जोन में हाथी रोधक दीवार बनाने का निर्णय लिया गया है। राजाजी के बफर जोन में ऋषिकेश, हरिद्वार व देहरादून से सटी सीमाओं के चलते काफी दिक्कतें होती हैं। इसे देखते हुए इसका पुन: सीमांकन किया जाएगा। बैठक में जिम काबेर्ट व राजाजी नेशनल पार्क से होने वाली आय के लिए एक राज्य स्तरीय फाउंडेशन का गठन किया जाएगा। सभी पार्क के लिए अलग उप फाउंडेशन बनाई जाएंगी।

बैठक में निर्णय लिया गया कि इनसे होने वाली सारी आय को अब राष्ट्रीय पार्क के लिए ही खर्च किया जाएगा। अभी तक पार्क से होने वाली आय का 20 फीसद ही पार्क के रखरखाव में खर्च होता था। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पार्क से होने वाली कुल आय का 20 फीसद अब पार्क के आसपास के गांवों में अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

गौरतलब है कि अभी तक कार्बेट पार्क से तकरीबन नौ करोड़ व राजाजी से एक करोड़ की आमदनी होती है। बैठक में रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में निर्माण, ओएफसी की लाइन बिछाने, सड़क निर्माण व पार्क क्षेत्र के दस किमी के दायरे में खनन के तकरीबन 30 से अधिक मामलों को मंजूरी प्रदान की गई। इनसेट कॉमन पीकॉक को राज्य तितली का दर्जा बैठक में सरकार ने राज्य पुष्प, राज्य पशु, राज्य वृक्ष व राज्य पक्षी की भांति ही राज्य तितली की घोषणा की गई।

हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली कॉमन पीकाक (पापीलियो बायानोर) को राज्य तितली के रूप में घोषित करने का निर्णय लिया गया। इनसेट वन प्रबंधन में लोगों की भागीदारी हो सुनिश्चित बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वनों के प्रबंधन में स्थानीय लोगों के सहयोग की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि वनों के प्रबंधन में इनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने वन्य जीव बोर्ड बैठक को हर छह माह में कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि बैठक में रखने से पहले यह भी देखा जाए कि इस विषय में संभावित लाभ व हानि क्या-क्या हैं।

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