आइसीडीएस की उप निदेशक को दून से न हटाने पर मंत्री नाराज, जानिए पूरा मामला
आइसीडीएस की डीडी सुजाता सिंह को निर्देशों के बावजूद देहरादून मुख्यालय से न हटाने पर महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने सख्त नाराजगी जताई है।
By Edited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 09:25 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 03:33 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग (आइसीडीएस) की उप निदेशक (डीडी) सुजाता सिंह को निर्देशों के बावजूद देहरादून मुख्यालय से न हटाने पर महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि डीडी के कार्यकाल की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में उन्हें मुख्यालय से तुरंत हटाया जाना आवश्यक है। उधर, मंत्री के निर्देशों के क्रम में शासन ने डीडी सुजाता से आहरण वितरण अधिकार वापस लेने के साथ ही उन्हें कामकाजी महिला छात्रावास में तैनाती दी है।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने उप निदेशक सुजाता सिंह के खिलाफ कथित शिकायतों के मद्देनजर पत्रावली तलब की थी। इसके बाद उन्होंने उपनिदेशक के कार्यकाल की निष्पक्ष जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने के आदेश विभागीय सचिव को दिए थे। साथ ही उपनिदेशक को तत्काल निदेशालय से हटाते हुए महिला छात्रावास हरिद्वार के प्राचार्य के रूप में संबद्ध करने और उनके सभी वित्तीय अधिकार स्थगित रखने के निर्देश भी दिए थे। इस क्रम में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास की सचिव सौजन्या ने आइसीडीएस की उप निदेशक सुजाता के आहरण-वितरण अधिकार स्थगित करते हुए यह जिम्मा निदेशक और वित्त नियंत्रक को सौंपने के आदेश जारी किए।
इसके अलावा राज्य के समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कामकाजी महिला छात्रावास में प्रशिक्षण संबंधी कार्यों के निर्वह्न के लिए उप निदेशक को नामित करने के आदेश भी जारी किए। शासन के इन आदेशों के बाद विभागीय मंत्री आर्य ने फिर महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की सचिव को पत्र भेजकर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि 26 मई को निर्देश दिए गए थे कि उप निदेशक को जांच के अंतिम निर्णय आने तक तत्काल देहरादून मुख्यालय से हटाते हुए महिला छात्रावास में प्राचार्य पद पर तैनाती की जाए।
इस क्रम में शासन से जो आदेश हुए हैं, उनमें उप निदेशक को देहरादून से न हटाते हुए नवीन तैनाती के आदेशों में स्पष्टता नहीं है। आदेश से यह भी परिलक्षित हो रहा है कि उपनिदेशक सुजाता सिंह अपने कार्यों का निष्पादन देहरादून से ही करेंगी। उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकारी के खिलाफ जब जांच होती है तो उसे वहां से हटाना नितांत आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थानांतरण सत्र शून्य है, लेकिन यह नियम विशेष परिस्थितियों में अंतिम जांच निर्णय आने तक संबद्ध किए जाने संबंधी निर्देशों पर लागू नहीं होगा।
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