उत्तराखंड में राज्य स्तरीय वन्यजीव संरक्षण अथॉरिटी
सरकार की ओर से पिछले वर्ष पांच दिसंबर को विधानसभा में दिए गए प्रदेश के सभी राष्ट्रीय पार्को, अभयारण्यों और चिड़ियाघरों के लिए राज्य स्तरीय फाउंडेशन बनाने संबंधी आश्वासन में थोड़ा बदलाव किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
सरकार की ओर से पिछले वर्ष पांच दिसंबर को विधानसभा में दिए गए प्रदेश के सभी राष्ट्रीय पार्को, अभयारण्यों और चिड़ियाघरों के लिए राज्य स्तरीय फाउंडेशन बनाने संबंधी आश्वासन में थोड़ा बदलाव किया जाएगा। फाउंडेशन के स्थान पर अब राज्य स्तरीय वन्यजीव संरक्षण अथॉरिटी गठित की जाएगी। कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व को छोड़ अन्य सभी पार्काें, अभयारण्यों व चिड़ियाघरों के प्राधिकरण इसके अधीन होंगे। गुरुवार को विधानसभा में वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई अथॉरिटी के गठन के मद्देनजर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
वन मंत्री डॉ.रावत के अनुसार उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश में भी वन्यजीव संरक्षण अथॉरिटी अस्तित्व में हैं। इसी तर्ज पर उत्तराखंड में भी सभी पार्काें, अभयारण्यों व चिड़ियाघरों के लिए अथॉरिटी गठित की जाएगी। इनके फाउंडेशन के लिए यह एक प्रकार की एपेक्स बॉडी होगी। उन्होंने बताया कि कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व हैं और ये राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के मानकों पर चलते हैं। लिहाजा, इन्हें अथॉरिटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि अथॉरिटी बनने के बाद यह सभी संरक्षित क्षेत्रों में वित्तीय सुधार को बेहतर प्रबंधन, रखरखाव, वन्यजीव संरक्षण, पारिस्थितिकीय पर्यटन, मानव वन्यजीव संघर्ष जैसे मसलों पर सरकार को सुझाव भी देगी।
कैबिनेट में लाएंगे प्रस्ताव
डॉ.रावत के अनुसार बैठक में यह भी तय हुआ कि कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व समेत सभी राष्ट्रीय पार्काें और अभयारण्यों में पर्यटन से होने वाली आय को शत-प्रतिशत वहीं खर्च किया जाएगा। सरकार इस बारे में सदन में आश्वासन भी दे चुकी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वित्त विभाग की आपत्तियों को जोड़ते हुए जल्द ही मसौदा तैयार कर कैबिनेट की अगली बैठक में लाया जाएगा।
राजाजी में जल्द बनेगा फाउंडेशन
राजाजी टाइगर रिजर्व में भी कार्बेट टाइगर रिजर्व की भांति फाउंडेशन का गठन किया जाएगा। इस सिलसिले में रिजर्व प्रशासन के निदेशक सनातन को जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए।