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जीएसटी का कार्यात्मक ढांचा बना, 170 पद 'गायब'

राज्य माल एवं सेवा कर विभाग (स्टेट जीएसटी) में लंबी कवायद के बाद विभागीय ढांचे को अंतिम रूप देने से पहले कार्यात्मक (फंक्शनैलिटी) ढांचे को मंजूरी दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 06:14 AM (IST)
जीएसटी का कार्यात्मक ढांचा बना, 170 पद 'गायब'
जीएसटी का कार्यात्मक ढांचा बना, 170 पद 'गायब'

जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य माल एवं सेवा कर विभाग (स्टेट जीएसटी) में लंबी कवायद के बाद विभागीय ढांचे को अंतिम रूप देने से पहले कार्यात्मक (फंक्शनैलिटी) ढांचे को मंजूरी दी गई है। शायद अधिकतर कार्मिकों ने 'कार्यात्मक' ढांचा शब्द पहली बार सुना होगा। इसी के अनुरूप यह अपने आप में अटपटा भी है। क्योंकि फील्ड में जो राज्य कर अधिकारी सबसे अधिक सक्रिय रहते हैं, उन्हें इसमें जगह ही नहीं दी गई। इस आदेश से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि कार्मिकों के तमाम विरोध के बाद भी इस संवर्ग के 40 पदों में कटौती की कवायद जारी है।

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स्टेट जीएसटी के ढांचे में मनचाहे परिवर्तन के लिए ही उन 60 अधिकारियों को करीब दो माह तक तैनाती नहीं मिल पाई, जिन्हें प्रमोशन दिया गया था। एक तरफ पदोन्नत अफसरों को तैनाती देने का दबाव था तो दूसरी तरफ विभागीय ढांचे में कुछ खास अधिकारियों को पदोन्नति की राह भी खोलनी थी। लिहाजा, राज्य कर अधिकारियों के 40 पदों में कटौती का निर्णय लिया गया और कुछ अधिकारियों को पदोन्नत करने के लिए शासन को एक के बाद एक तीन प्रस्ताव भेजे गए। इस बीच राज्य कर अधिकारियों ने पदों में कटौती की तैयारी को लेकर विरोध भी शुरू कर दिया था।

खैर, जैसे-तैसे आधे-अधूरे ढंग से कार्यात्मक ढांचे को मंजूरी दे दी गई, मगर सवाल यह खड़ा हो गया है कि वर्तमान में कार्यरत 170 राज्य कर अधिकारियों का इस ढांचे में जिक्र क्यों नहीं किया गया। अब इसी ढांचे के अनुरूप कार्मिकों को तैनाती मिलेगी। लिहाजा, राज्य कर अधिकारियों में अटपटे ढांचे को लेकर आक्रोश भी है। बताया जा रहा है कि इस मामले में स्टेट जीएसटी के अधिकारी व कर्मचारी संगठनों ने मंगलवार को आपात बैठक भी बुलाई है।

आठ सचल दल इकाइयों का भी अस्तित्व समाप्त

वर्तमान में स्टेट जीएसटी में 19 सचल दल इकाइयां अस्तित्व में हैं। मगर, कार्यात्मक ढांचे में यह संख्या घटकर 11 रह गई हैं। अब सिर्फ ये इकाइयां विकासनगर, देहरादून, कोटद्वार, हरिद्वार, रुड़की, भगवानपुर, काशीपुर, रुद्रपुर, किच्छा, खटीमा व हल्द्वानी में हैं। ढांचे को लेकर इसलिए सवाल

- मई से जून के बीच विभागीय ढांचे का प्रस्ताव तीन बार शासन को भेजा गया।

- इससे पहले करीब सात माह पहले विभागीय ढांचे का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसमें पदों की स्थिति यथावत रखी गई थी।

- इस बीच विभागीय पदोन्नति हुई और कुछ खास अधिकारी इस पदोन्नति से वंचित रह गए।

- फिर संशोधित प्रस्ताव में राज्य कर अधिकारियों के 40 पद काट दिए गए और संयुक्त आयुक्त के आठ पदों का सृजन कर दिया गया।

- वित्त विभाग की आठ पदों पर आपत्ति के बाद 40 पदों की कटौती के साथ अपर आयुक्त ग्रेड-दो के पांच पद शामिल कर दिए। विभाग ने तीन ही पदों को स्वीकृति दी।

- अब भी चहेते अधिकारियों की नैय्या पार न लगती देख आला अधिकारी मुख्यमंत्री के पास फाइल लेकर पहुंचे और पांच पदों का अनुमोदन प्राप्त करा लिया।


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