पब्लिक स्कूलों को दो अरब देने में राज्य सरकार के फूले हाथ-पांव
शिक्षा का अधिकार एक्ट के तहत पब्लिक स्कूलों में अब तक दाखिल कराए गए हजारों बच्चों की पढ़ाई के खर्च का तकरीबन दो अरब का भुगतान राज्य सरकार को करना है।
देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: देहरादून सरकारी स्कूलों में घटती छात्र संख्या से परेशानहाल राज्य सरकार की मुश्किलें पब्लिक स्कूलों ने बढ़ा दी है। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) एक्ट के तहत पब्लिक स्कूलों में अब तक दाखिल कराए गए हजारों बच्चों की पढ़ाई के खर्च का भुगतान राज्य सरकार को करना है।
निजी स्कूल आरटीई के तहत नर्सरी में दाखिल छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का खर्च मांग रहे हैं। तकरीबन दो अरब यानी 200 करोड़ की इस राशि को देखकर सरकार के हाथ-पांव फूले हुए हैं। हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए सरकार ने अब सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक को पत्र लिखकर पूरा ब्योरा तलब किया है। दरअसल, वित्तविहीन मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालय एसोसिएशन ने आरटीई के तहत छात्र-छात्राओं के दाखिले और शुल्क का लंबे अरसे से भुगतान नहीं होने के बाद हाईकोर्ट की शरण ली थी।
हाईकोर्ट ने 12 मार्च, 2018 को आदेश जारी कर सरकार को पब्लिक स्कूलों को यह धनराशि देने को कहा है। पब्लिक स्कूलों को आरटीई के तहत नर्सरी कक्षा में दाखिल बच्चों की प्रतिपूर्ति करने के आदेश भी हैं। केंद्र के आरटीई एक्ट के अंतर्गत 25 फीसद वंचित, कमजोर तबकों के बच्चों को राज्य के सभी जिलों में पब्लिक स्कूलों में दाखिल कराया गया है। इस खर्च का भुगतान 90:10 के अनुपात में यानी 90 फीसद केंद्र और 10 फीसद राज्य को करना है।
पब्लिक स्कूलों की बकाया राशि बढ़ती जा रही है, लेकिन केंद्र सरकार से प्रतिपूर्ति की रफ्तार सुस्त है। अभी तक 50 करोड़ की बामुश्किल प्रतिपूर्ति केंद्र की ओर से हो सकी है। वहीं हाईकोर्ट के राज्य सरकार को उक्त धनराशि के भुगतान के निर्देशों के बाद शासन ने दाखिल बच्चों और बकाया धनराशि का ब्योरा खंगालने का निर्णय लिया है। शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख की ओर से इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान राज्य परियोजना निदेशक से आधा दर्जन बिंदुओं पर जानकारी मांगी है।
इसमें आरटीई में दाखिल सभी श्रेणी के बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति, श्रेणी वर्ग-दो डी यानी कमजोर व वंचित तबके के बच्चों का चिह्नीकरण के बाद दाखिला कराने, नर्सरी कक्षा की प्रतिपूर्ति और केंद्र सरकार से उक्त धनराशि की प्रतिपूर्ति नहीं किए जाने के कारणों समेत उक्त सभी बिंदुओं पर ब्योरा तलब किया है।
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