सरकार का बड़ा फैसला, इतने हड़ताली सफाई कर्मचारी बर्खास्त
राज्य सरकार ने हड़ताली सफार्इ कर्मियों पर बड़ी कार्रवार्इ की है। उन्होंने 164 सफार्इ कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है।
देहरादून, [जेएनएन]: नौ दिन से चल रही सफाई कर्मियों की हड़ताल पर आखिर सरकार ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। बार-बार चेतावनी के बावजूद काम पर नहीं लौटे नाला गैंग के 120 और रात्रि सफाई के 44 कर्मचारियों को मंगलवार देर शाम नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे ने बर्खास्त कर दिया। नगर आयुक्त छुट्टी पर थे और मंगलवार को लौटते ही ये कार्रवाई कर संदेश दे दिया कि सरकार झुकने वाली नहीं है। वैकल्पिक और समानांतर व्यवस्था के तहत पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में सोमवार देर रात 150 टन कूड़ा शहर से उठाया गया। आमजन ने भी जगह-जगह श्रमदान कर कूड़ा उठाना शुरू कर दिया है। मंगलवार दोपहर राजपुर रोड पर भी विशेष स्वच्छता अभियान चलाकर कूड़ा उठान किया गया।
पिछले सोमवार से संविदाकरण की मांग को लेकर चल रही सफाई कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल से पूरा शहर सड़ांध मार रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के कड़े तेवर के बाद पिछले चार दिन से प्रशासन वैकल्पिक इंतजामों के जरिए कूड़ा सड़कों से उठान करा रहा। हालांकि, हड़ताली इस दौरान जगह-जगह विरोध कर रहे, लेकिन उनसे निबटने के लिए पुलिस फोर्स तैनात की गई है।
प्रशासन ने हड़ताल में शामिल दैनिक वेतन कर्मचारियों को बर्खास्त करने की चेतावनी दी थी लेकिन नगर आयुक्त के शहर में न होने के कारण यह कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। मंगलवार को नगर आयुक्त ने जैसे ही डयूटी ज्वाइन की, तभी हड़ताल में शामिल नाला गैंग के 120 और 44 रात्रि सफाई कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया।
हड़ताल में 754 नियमित सफाई कर्मी, 610 मोहल्ला स्वच्छता समिति कर्मचारियों समेत नाला गैंग के 120 और रात्रि सफाई के 75 कर्मचारी शामिल थे। डोर-टू-डोर कूड़ा उठान के 290 कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं थे। ये कर्मी कूड़ा उठान कर रहे थे, लेकिन हड़ताली इन्हें धमकाते हुए सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी देते रहे।
शनिवार रात से जिला प्रशासन ने शहर को छह जोन में बांटकर एडीएम, एसडीएम व एसपी सिटी समेत तहसीलदारों की देखरेख में किराए के डंपरों, जेसीबी व मजदूरों के जरिए सड़कों से कूड़ा उठान शुरू कराया। मंगलवार को नालापानी, सहस्रधारा क्रासिंग समेत चूना भट्टा, परेड ग्राउंड, कांवेंट रोड, म्यूनिसिपल रोड, दून हॉस्पिटल और लक्खीबाग, पटेलनगर आदि क्षेत्रों में कूड़े का उठान कराया गया। 14 वाहनों में 150 टन कूड़ा कारगी कलेक्शन सेंटर भेजा गया और वहां से शीशमबाड़ा। नगर आयुक्त ने खुद मोर्चा संभाल लिया है और निगम के अधिकारियों संग जगह-जगह कूड़ा उठान का कार्य कराया।
सामने आए मैड और वेस्ट वारियर्स
हड़ताल में शहर की स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका पर जब सवाल उठे तो वे शहर हित में बाहर आ गए। मैड संस्था के करण कपूर ने बताया कि उनकी टीम के सदस्यों को घर-घर जाकर कूड़ा कम से कम करने को जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंगलवार को उनके दर्जनों सदस्यों की ओर से शहरवासियों से इसकी अपील की गई। वहीं, वेस्ट वारियर्स संस्था के सदस्यों ने नगर निगम टीम के साथ राजपुर रोड पर विशेष सफाई अभियान में भाग लिया।
कूड़े में लगा रहे आग
शहर में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेरों में देर रात आग लगाने की शिकायतें आ रहीं हैं। निगम अधिकारियों को संदेह है कि ये काम हड़तालियों में शामिल कुछ शरारती तत्व कर रहे। आग लगने से आसपास के इलाकों में जहरीला धुआं फैल रहा। इससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही।
प्रदेश कांग्रेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह शहर की इस हालत की जिम्मेदार सरकार है। कांग्रेस सरकार में कर्मचारियों के संविदा पर करने के आदेश हो गए थे, लेकिन भाजपा सरकार ने डेढ़ साल में इन आदेश का अनुपालन नहीं कराया। इसकी वजह से कर्मचारी नाराज हैं। सरकार को तत्काल इनकी मांगे मान लेनी चाहिए ताकि शहर की स्वच्छता कायम रह सके।
वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि अगर सरकार कर्मचारियों से चार दिन का समय मांग रही है तो कर्मचारियों को समय दे देना चाहिए। बल्कि मैं तो ये कहूंगा कि जब फैसला कर्मचारी हितों का हो तो चार दिन क्या सरकार को एक हफ्ते का समय दे देना चाहिए। इस मामले को लेकर मैं खुद सफाई कर्मचारियों के बीच जाऊंगा और उन्हें समझाऊंगा।
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