राज्य के सरकारी और निजी विश्वविद्यालय कक्षाओं को शुरू करने के पक्ष में
दून समेत प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो रही है। इसे देखते हुए अगले 15 से 18 दिनों के बीच उत्तराखंड के राजकीय व निजी विवि परिसर खुलने की संभावना बढ़ गई है। प्रदेश व देशभर के करीब 50 हजार छात्रों की ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो सकती हैं।
देहरादून, अशोक केडियाल। दून समेत प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो रही है। इसे देखते हुए अगले 15 से 18 दिनों के बीच उत्तराखंड के राजकीय व निजी विवि परिसर खुलने की संभावना बढ़ गई है। करीब आठ महीने बाद प्रदेश व देशभर के करीब 50 हजार छात्रों की ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो सकती हैं।
हालांकि, अभी कोरोना संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं, लेकिन संकट टला नहीं हैं। कोरोना संक्रमण से छात्र तो ज्यादा चिंतित नहीं दिखाई दे रहे, लेकिन छात्रों के अभिभावक व कॉलेज शिक्षकों में अभी भी चिंता व्याप्त है। सब कुछ ठीक रहा तो हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि की स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाएं भी शुरू हो जाएंगी। प्राविधिक शिक्षा परिषद भी प्रदेशभर की पॉलीटेक्निक में कक्षाएं शुरू करने को तैयार है। उत्तराखंड तकनीकी विवि (यूटीयू) भी अपने विवि के करीब 20 हजार छात्रों के साथ नियमित कक्षाएं चालू करने की तैयारी कर रहा है।
इसके अलावा उत्तरांचल विवि, डीआइटी, यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड इनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) हिमालयन विवि जौलीग्रांट उन विवि में से हैं जो प्रदेश सरकार की ओर से शासनादेश का इंतजार कर रहे हैं। इन विवि में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सैनिटाइजेशन, मॉस्क का प्रयोग व शरीरिक दूरी नियम का सख्ती से पालन करने की पूरी तैयारी हो रही है।
एक सितंबर से बढ़े थे मामले
प्रदेश में एक सितंबर से देश में केंद्र सरकार ने अनलॉक 4 की गाइडलाइंस जारी की गई थी। जिसमें कुछ और ढिलाई दे दी गई थी। दूसरी ओर प्रदेश में इस दौरान 19 दिनों में कोरोना पॉजिटिव 55 फीसद निजी लैब में व 45 फीसद सरकारी लैब की रिपोर्ट मिली थी। देहरादून में 19 सितंबर तक 91,092 लोगों का कोरोना टेस्ट को चुका था सरकार से अनलॉक 4 की नई गाइडलाइंस जारी की थी, जब कोरोना संक्रमण को दर तेजी से बढ़ रही थी। अक्टूबर में इसमें तेजी से कमी आई जिससे नवम्बर में विवि खुलने की संभावना बढ़ गई है।
ग्राफिक एरा में होगी ऑनलाइन पढ़ाई
उत्तराखंड में केवल ग्राफिक एरा विवि प्रशासन विवि खोलने के पक्ष में नहीं है। विवि के अध्यक्ष प्रो. कमल धनशाला का मानना है कि विवि ऑनलाइन पढ़ाई के मामले में सक्षम है। अभी कोरोना का संक्रमण कम नहीं हुआ है, इसलिए हजारों छात्रों को विवि बुलाना जोखिम भरा हो सकता है।
डॉ.सुनील अग्रवाल (अध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस कॉलेज) का कहना है कि जब बाजार, पिक्चर हाल, माल, पार्क सब कुछ खुल चुका है तो उच्च शिक्षा संस्थानों को खोलने में क्या दिक्कत है। स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाले छात्र वयस्क हैं जो कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जागरूक है। विवि खुलना चाहिए।
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