मजबूत भविष्य की ओर युवा उत्तराखंड के कदम
18 साल की आयु पूरी कर 19वें वर्ष में दाखिल उत्तराखंड ने युवा जोश और जज्बे के साथ मजबूत भविष्य की ओर से कदम बढ़ा दिए हैं।
रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून
18 साल की आयु पूरी कर 19वें वर्ष में दाखिल उत्तराखंड ने युवा जोश और जज्बे के साथ मजबूत भविष्य की ओर से कदम बढ़ा दिए हैं। वन व जल जैसी अकूत संपदा और इसके इर्द-गिर्द तमाम पर्यावरणीय बंदिशें और पलायन के दंश की चुनौती के बावजूद इच्छाशक्ति और नई सोच के साथ खुद के बूते आगे बढ़ने की उत्तराखंड की छटपटाहट भविष्य के सपनों में नए रंग भर रही हैं। ऐसे में राज्य के ढांचागत विकास की केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं अंजाम तक पहुंची तो उत्तराखंड को उड़ान भरते देर नहीं लगने वाली।
वर्ष 2000 में नौ नवंबर को कुछ सैकड़ा करोड़ से अपना बजटीय प्रबंधन करने वाला उत्तराखंड अब सालाना 45 हजार करोड़ से ज्यादा आय-व्यय का हिसाब-किताब संभाल रहा है। 18 वर्षो की इस अल्प अवधि में उत्तराखंड को सबसे ज्यादा जादुई अहसास कराते हैं तो वे हैं आर्थिकी के चमकदार आंकड़े। आंकड़ों की मानें तो राज्य में खुशहाली ने पांव पसारे हैं। आम आदमी की माली हैसियत बेहतर हुई है। यह सबकुछ विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हुआ। राज्य ने प्रति व्यक्ति आमदनी और सकल घरेलू उत्पाद में राष्ट्रीय औसत से कहीं ऊपर जगह बनाई हुई है। उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय 16177 रुपये बढ़ी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय अभी 1,12,835 रुपये है। वर्ष 2016-17 की तुलना में 2017-18 में राज्य की अर्थव्यवस्था के आकार में 11.54 फीसद की वृद्धि हो चुकी है। राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 214033 करोड़ अनुमानित है।
हालांकि, आर्थिक आंकड़ों के बावजूद विषम क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विषमता की चौड़ी होती खाई ने राज्य के माथे पर बल डाले हैं। पहली मर्तबा राज्य ने अपनी इन चुनौतियों से निपटने के लिए इन्वेस्टर्स समिट का साहस जुटाया। ये इच्छाशक्ति का ही नतीजा रहा कि राज्य के तकरीबन हर महकमे ने पूंजी निवेश को लेकर जमीनी स्तर पर तैयारी की। निवेश में बाधाओं को दूर करने के लिए नई नियमावलियां और नीतियां आकार ले चुकी हैं। 18 साल के वक्फे में पहली मर्तबा राजनीतिक स्थिरता के चलते उत्तराखंड 'सब चलता है' को छोड़कर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के पथ पर आगे बढ़ रहा है। ऐसे में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन, ऑलवेदर रोड, भारतमाला परियोजनाओं के रूप में केंद्र की अहम परियोजनाएं और न्याय पंचायत स्तर तक ग्रोथ सेंटर के रूप में अपने उत्पादों की ब्रांडिंग की कोशिशें परवान चढ़ीं तो युवा उत्तराखंड का मजबूत भविष्य की ओर बढ़ना तय है।