वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर राज्य निर्वाचन आयोग सख्त, जांच के आदेश
राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव के लिए हुए मतदान के दौरान बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की शिकायतों पर सख्त रुख अपनाया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। नगर निकाय चुनाव के लिए रविवार को हुए मतदान के दौरान बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की शिकायतों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने सभी जिलों के डीएम को पत्र भेज इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा है कि निकट भविष्य में सभी पात्र मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज हों। इसके अलावा मतदाताओं से भी सूची में नाम दर्ज कराने के मद्देनजर जागरूक रहने की अपील की है। नगर निकायों में रविवार को मतदान के दौरान वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की लगातार शिकायतें आई।
बात सामने आ रही कि राज्यभर में 70 से 80 हजार मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे। नतीजतन वे अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख सियासी दलों ने इसे मुद्दा बनाते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग उठाई थी। यही नहीं, राज्य निर्वाचन आयोग को भी सभी जिलों से वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम गायब होने की शिकायतें मिली हैं। इस सबको देखते हुए आयोग ने वोटर लिस्ट को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट के अनुसार वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण जिलों में होता है।
आयोग के पहले स्पष्ट निर्देश हैं कि घर-घर सर्वे कराकर सभी पात्र मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज कराए जाएं। इस बार जैसी शिकायतें मिली है, उससे लगता है कि यह कार्य ठीक से नहीं हुआ। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि सभी जिलों के डीएम को वोटर लिस्ट से नाम गायब होने के प्रकरण की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि निकट भविष्य में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण कार्य को बेहद गंभीरता से लिया जाए। इसके लिए घर-घर सर्वे में एक-एक वोटर से संपर्क कर सूची में नाम दर्ज किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए मतदाताओं को भी जागरूक होना होगा।
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