राज्य निर्वाचन आयोग ने हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही चुनाव प्रक्रिया के संचालन के निर्देश दिए
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को पंचायत चुनाव में हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही संपूर्ण प्रक्रिया के संचालन के निर्देश दिए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। शुक्रवार को प्रदेश में हरिद्वार जिले को छोड़ शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो गई। गुरुवार को नैनीताल हाईकोर्ट के दो से ज्यादा बच्चों वाले माता-पिता को पंचायत चुनाव लड़ने की छूट दिए जाने के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को इस आदेश के मुताबिक ही संपूर्ण प्रक्रिया के संचालन के निर्देश दिए हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया के तहत शुक्रवार 12 जिलों में नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो गई जो 24 सितंबर तक चलेगी। 25 से 27 सितंबर तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों में 66399 पदों के लिए तीन चरणों पांच अक्टूबर, 11 अक्टूबर व 16 अक्टूबर को मतदान होगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ हालांकि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चुनाव प्रक्रिया हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक ही संचालित की जाए। राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजकर हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराए जाने को कहा गया है।
हाई कोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार
पंचायत राज संशोधन अधिनियम को लेकर हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर दी है। जिस पर सुनवाई सोमवार को होनी है। गुरुवार को हाई कोर्ट ने 25 जुलाई 2019 से पहले दो बच्चों से अधिक वाले ग्राम पंचायत प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के योग्य करार दिया। इस फैसले को सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था। जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का निर्णय किया।
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सिर्फ ग्राम पंचायत पर लागू होगा आदेश
हाई कोर्ट ने दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों के मामले में पारित आदेश पर साफ किया है कि कोर्ट के समक्ष जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत का मामला आया ही नहीं। सिर्फ ग्राम पंचायतों का ही मामला आया। अदालत ने 25 जुलाई 2019 के बाद ही तीन बच्चों वाले प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित किया है जबकि इस तिथि से पहले वालों को योग्य माना है। उधर पूर्व ब्लॉक प्रमुख व कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट की ओर से बीडीसी व जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए भी इस आदेश को लागू करने की मांग को लेकर याचिका दायर करने की तैयारी हो चुकी है।
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