ऊर्जा संगठनों ने दी सरकार हिलाने की चेतावनी
उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन के प्रांतीय सम्मेलन में सदस्यों ने सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराया। वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा के तीनों निगम राज्य की आय का मुख्य स्त्रोत हैं, लेकिन मेहनत करने वाले कर्मचारी-अधिकारियों की ही उपेक्षा की जा रही। आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द घूमने वाले कुछ लोग उन्हें गुमराह कर रहे हैं, जिस कारण सीएम उनकी मांगों पर विचार नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने चेताया कि ऊर्जा संगठनों की संयुक्त आवाज में इतनी गरज है कि वह सरकार को हिला सकती है।
जागरण संवाददाता, देहरादून:
उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन के प्रांतीय सम्मेलन में सदस्यों ने सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराया। वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा के तीनों निगम राज्य की आय का मुख्य स्त्रोत हैं, लेकिन मेहनत करने वाले कर्मचारी-अधिकारियों की ही उपेक्षा की जा रही। आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द घूमने वाले कुछ लोग उन्हें गुमराह कर रहे हैं, जिस कारण सीएम उनकी मांगों पर विचार नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने चेताया कि ऊर्जा संगठनों की संयुक्त आवाज में इतनी गरज है कि वह सरकार को हिला सकती है।
सोमवार को यमुना कॉलोनी स्थित ऑफिसर्स क्लब में आयोजित ऊर्जा कामगार संगठन के प्रांतीय सम्मेलन में संगठन के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि ऊर्जा के तीनों निगमों के कर्मचारी-अधिकारी मेहनती हैं। लेकिन, कर्मचारी-अधिकारियों को उनके हक के लिए भी जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संगठन न्याय पाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। संगठन की ओर से मुख्य अतिथि यूपीसीएल निदेशक (मानव संसाधन) यूसी ध्यानी, यूजेवीएन निदेशक (मानव संसाधन) डॉ. अविनाश चंद्र जोशी को मांग-पत्र भी सौंपा गया। इस पर उन्होंने विचार का आश्वासन दिया। बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन कार्यकारिणी के चुनाव कराए जाएंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि संगठन के महामंत्री एमएन उप्रेती, संरक्षक एपी अमोली, इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष एमसी गुप्ता, जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप शर्मा, विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन से विनोद कवि, उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक इंसारूल-हक उपस्थित रहे।
ये हैं प्रमुख मांगें
- सातवां वेतन आयोग लागू कर 9,14, 19 वर्षो में एसीपी की सुविधा।
- ईपीएफ स्कीम की जगह पूर्ववर्ती जीपीएफ पेंशन योजना लागू हो।
- उपाकालि एवं पिटकुल में कार्यरत विभागीय डाटा एंट्री ऑपरेटरों का कॅरियर ग्रोथ आइटी संवर्ग में बनाया जाए।
- पिटकुल की भांति उपाकालि में भी आशुलिपिक संवर्ग में कार्यरत स्पेशल ग्रेड (3 पद), पीए (4 पद) के पदों को समायोजित कर पीए के पद पर पदोन्नति।
- ऊर्जा के तीनों निगमों में कॉमन कैडर लागू हो। संवर्गो में रिक्त पदों पर भी शीघ्र पदोन्नति।
- चिकित्सा प्रतिपूर्ति के प्रकरणों में विभिन्न स्तर के कार्यालयों/ंअधिकारियों की अनुमोदन सीमा में बढ़ोत्तरी हो।