उत्तराखंड में किसानों को जल्द मिलेगी राहत, फसलों को क्षति के बदले जाएंगे मानक
आपदा से फसलों को होने वाली क्षति से परेशान किसानों को जल्द राहत मिलेगी। इसके लिए सरकार फसल कटाई आंकड़े (क्रॉप कटिंग डेटा) जुटाने की व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में आपदा से फसलों को होने वाली क्षति से परेशान किसानों को जल्द राहत मिलेगी। इसके लिए सरकार फसल कटाई आंकड़े (क्रॉप कटिंग डेटा) जुटाने की व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। इसमें मैदानी क्षेत्र में गांव और पहाड़ में न्याय पंचायत इकाई होगी। आंकड़े जुटाने के मद्देनजर मैदानी क्षेत्र में यह कार्य आउटसोर्स पर दिया जा रहा, जबकि पर्वतीय क्षेत्र में न्याय पंचायत स्तर पर वेदर स्टेशन लगाकर आंकड़े जुटाए जाएंगे।
सचिवालय में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने इस मसले को रखा। बताया गया कि इस पर केंद्र से अनुमति के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। अभी स्थिति यह है कि हर वर्ष बरसात के दौरान फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है, मगर आपदा के तय मानकों की श्रेणी में न आने से किसानों को क्षतिपूर्ति नहीं मिल पाती। आपदा से फसल क्षति 33 फीसद या इससे अधिक होने पर ही मुआवजा देने का प्रविधान है। इसमें भी फसल कटाई के आंकड़ों के आधार पर क्षतिपूर्ति का निर्धारण होता है। इसके साथ ही फसल बीमा में भी क्षतिपूॢत निर्धारण में इन आंकड़ों का प्रयोग किया जाता है।
इसमें खामी यह है कि आपदा से किसी क्षेत्र के दो हिस्सों में कहीं कम तो कहीं ज्यादा नुकसान होता है। जब इकाई के आधार पर आकलन होता है, तो दोनों को एक साथ जोड़ा जाता है। इस कारण कई बार नुकसान मानक से काफी कम बैठता है। यदि कहीं 33 फीसद से ज्यादा क्षति होती है तो वहां भी फसल कटाई आंकड़ों के आधार पर निर्धारण से राशि कम हो जाती है। इस सबको देखते हुए सरकार ने फसल कटाई के आंकड़े जुटाने की व्यवस्था में बदलाव का निर्णय लिया है। जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है।
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