नैक ग्रेड के लिए डीएवी कॉलेज में एसएसआर रिपोर्ट तैयार
प्रदेश का सबसे बड़ा डीएवी पीजी कॉलेज नैक ग्रेड की दौड़ में शामिल होने जा रहा है। कॉलेज ने सेल्फ स्टडी रिपोर्ट एसएसआर तैयार कर ली है।
देहरादून, जेएनएन। 14 साल बाद प्रदेश का सबसे बड़ा डीएवी पीजी कॉलेज 'नैक ग्रेड' की दौड़ में शामिल होने जा रहा है। कॉलेज ने सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) तैयार कर ली है। एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट को यूजीसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। रिपोर्ट जमा होने के करीब एक माह बाद यूजीसी की टीम कॉलेज के निरीक्षण को आएगी। इसी के साथ नैक ग्रेडिंग का पहला चरण आरंभ हो जाएगा।
डीएवी पीजी कॉलेज को यूजीसी और राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) से प्रतिवर्ष मिलने वाली करोड़ों की ग्रांट नैक ग्रेड न होने से रुकी हुई है। कॉलेज ने नैक मान्यता को लेकर पिछले वर्ष एक कमेटी गठित की थी। कमेटी अब अपनी रिपोर्ट नैक (राष्ट्रीय मूल्याकंन एवं प्रत्यापन परिषद) को भेजेगी। वर्ष 2004 के बाद डीएवी ने नैक ग्रेड के लिए आवेदन नहीं किया। जिससे वर्ष 2014 के बाद कॉलेज को यूजीसी की ओर से मिलने वाली सभी प्रकार की ग्रांट बंद हो गईं। जून 2018 में प्राचार्य का पद ग्रहण करने के बाद डॉ. अजय सक्सेना ने नैक मान्यता को लेकर प्रयास शुरू किए।
उन्होंने डॉ. विनीत दीक्षित की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। कमेटी में डॉ. एचएस रंधावा व डॉ. प्रशांत सिंह को बतौर सदस्य शामिल किया गया। एक अन्य कमेटी इंटर क्वालिटी एश्योरेंस कमेटी (आइक्यूएससी) के समन्वयक डॉ. प्रशांत शर्मा को नियुक्त किया। कॉलेज में वर्तमान में साढ़े 12 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के दाखिले हैं। ग्रांट की कमी के कारण कई विभागों में शोध व अनुसंधान के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
इसलिए जरूरी है नैक ग्रेड
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद संस्थान देश के उच्च शिक्षा संस्थानों का आकलन तथा प्रत्यायन (मान्यता) का कार्य करती है। मूल्यांकन एवं प्रत्यायन संस्था की 'गुणवत्ता की स्थिति' को समझने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह मूल्यांकन यह निर्धारित करता है कि शैक्षिक संस्था या विवि प्रमाण एजेंसी के द्वारा निर्धारित गुणवत्ता के मानकों को किस स्तर तक पूरा कर रहा है। जिनमें पाठ्यक्रम चयन व कार्यान्वयन, शिक्षण अधिगम व मूल्यांकन, छात्रों के परिणाम, संकाय सदस्यों का अनुसंधान कार्य, प्रकाशन, बुनियादी सुविधाएं, संसाधनों की स्थिति, संगठन, प्रशासन व्यवस्था, आर्थिक स्थिति तथा छात्र सेवाएं को परखा जाता है।
ये सूचनाएं करनी होंगी अपलोड
नैक से ग्रेड के लिए डीएवी कॉलेज को यूजीसी की वेबसाइट पर विद्यार्थियों को दी जा रही सुविधाओं, भवन, कोर्स, विद्यार्थियों की संख्या और स्टाफ, संकाय आदि की जानकारी अपलोड करनी होगी। इसके बाद टीम दौरे की तिथि निर्धारित कर कॉलेज को सूचित करेगी। तय तिथि को दौरे के समय टीम कॉलेज में विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं का निरीक्षण करेगी। इसके आधार पर नैक ग्रेड दिया जाएगा। नैक द्वारा कॉलेजों को ए, बी और सी ग्रेड दी जाती है। ए और बी ग्रेड सर्टिफिकेट पाने वाले कॉलेजों को यूजीसी द्वारा विकास कार्यों के लिए मांग के आधार पर ही ग्रांट जारी कर दी जाती है।
ग्रेड के आधार पर मिलती है ग्रांट
डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने बताया कि नैक द्वारा दिए जाने वाले ग्रेड के आधार पर ही यूजीसी द्वारा ग्रांट दी जाती है। कॉलेज का जैसा ग्रेड होगा, उसे उसी आधार पर ग्रांट व नए कोर्स शुरू करने की सुविधा दी जाती है।
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