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प्रतिभूति राशि का रिकॉर्ड खंगालेगा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय सभी संबद्ध निजी कॉलेजों के कोर्सों के एवज में विवि के नाम की गई एफडीआर (प्रतिभूति राशि) का रिकॉर्ड खंगालेगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 03:14 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 03:14 PM (IST)
प्रतिभूति राशि का रिकॉर्ड खंगालेगा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय
प्रतिभूति राशि का रिकॉर्ड खंगालेगा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय

देहरादून, जेएनएन। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय सभी संबद्ध निजी कॉलेजों के कोर्सों के एवज में विवि के नाम की गई एफडीआर (प्रतिभूति राशि) का रिकॉर्ड खंगालेगा। विवि के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी ने कुलसचिव डॉ. सुधीर बुड़ाकोटी को इस संबंध में आदेश दिए हैं।

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दो दिन पहले उच्च शिक्षा के प्रभारी सचिव विनोद रतूड़ी ने सचिवालय में निजी कॉलेज संचालकों के साथ इस संबंध में बैठक की थी। जिसमें निजी कॉलेजों को निर्धारित की गई एफडीआर की धनराशि समय पर जमा करने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने बताया था कि प्रदेश के राजकीय विवि से संबद्ध निजी कॉलेजों को हर पारंपरिक कोर्स के लिए 15 लाख, जबकि प्रोफेशनल कोर्स के लिए 35 लाख रुपये की एफडीआर विवि के नाम बनानी होगी। प्रदेश में श्रीदेव सुमन विवि से 115 निजी कॉलेज संबद्ध हैं। जिनमें तीन दर्जन से अधिक पारंपरिक व प्रोफेशनल कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। एफडीआर की बाध्यता केवल निजी कॉलेजों के लिए है।

पहले प्रदेश सरकार की ओर से निजी कॉलेजों में पारंपरिक व प्रोफेशनल कोर्स के लिए दो से पांच लाख रुपये एफडीआर करने का नियम था। जिसे दो वर्ष पहले बढ़ाकर बीए, बीएससी व बीकॉम जैसे पारंपरिक कोर्स के लिए प्रति कोर्स 15 लाख और एमबीए, एमसीए, बीबीए जैसे प्रोफेशनल कोर्स के लिए 35 लाख रुपये कर दिया गया। पिछले दो वर्षों में कितने निजी संस्थानों को विवि ने नए पारंपरिक व प्रोफेशनल कोर्स शुरू करने की अनुमति दी और उन संस्थानों ने विवि के नाम एफडीआर बनाई या नहीं इस रिकॉर्ड को विवि अपने स्तर पर खंगालेगा और फिर कार्रवाई करेगा।

डॉ. पीपी ध्यानी (कुलपति, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय) का कहना है कि श्रीदेव सुमन विवि सरकार और शासन के नियमों का शत-प्रतिशत पालन करेगा। विवि से संबद्ध निजी कॉलेज की एफडीआर का रिकॉर्ड जांचा जाएगा फिर उसके बाद अनदेखी करने वाले संस्थान से संपर्क किया जाएगा।

उच्च शिक्षा पोर्टल पर छात्र दर्ज करा सकेंगे शिकायतें

सरकारी विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को अपनी समस्याओं और शिकायतों के निपटारे को परेशान नहीं होना पड़ेगा। उच्च शिक्षा पोर्टल पर वे शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि पोर्टल पर कॉलेजों से संबंधित जानकारी भी दी जाएगी। प्रत्येक जिले में एक मॉडल कॉलेज बनाया जाएगा। डॉ रावत ने शुक्रवार को विधानसभा स्थित सभागार में उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के साथ बैठक की।

उन्होंने कहा कि सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा के ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर सरकार कॉलेजों में बुनियादी सुविधाएं मजबूत कर रही है। उन्हें पूर्ण फैकल्टी, लैब, स्मार्ट क्लास से लैस किया जाएगा। आगामी मार्च और अप्रैल माह तक कॉलेजों में फैकल्टी की कमी पूरी तरह दूर होगी। दिसंबर, 2020 तक 90 फीसद सरकारी डिग्री कॉलेज अपने भवनों में शिफ्ट हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को तीन दिनी प्रशिक्षण मार्च 2020 तक पूरा किया जाएगा।

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इसमें पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक को भी बुलाया जाएगा। शिक्षक प्रशिक्षण को देहरादून में अटल अकादमी बनाई जाएगी। कॉलेजों में केंद्र सरकार की योजनाओं एक भारत, श्रेष्ठ भारत, खेलो इंडिया, स्वच्छता अभियान पर जोर दिया जा रहा है। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को विशेष प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि क्लास रूम में मोबाइल फोन प्रतिबंधित करने के लिए शिक्षक, छात्र और अभिभावकों से सलाह ली जाएगी। इस बारे में सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाएगा।

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