कुशल खिलाड़ियों को मिलेगी सरकारी नौकरी
प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने आधारभूत खेल सुविधाओं को विकसित करने खेलों में जन भागीदारी को बढ़ाने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए कैबिनेट ने नई खेल नीति को सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने, आधारभूत खेल सुविधाओं को विकसित करने, खेलों में जन भागीदारी को बढ़ाने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए कैबिनेट ने नई खेल नीति को सैद्धांतिक सहमति दे दी है। कैबिनेट ने खेलों के लिए बनाई जाने वाली निधि के बजट की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अधिकृत किया है। नीति में खिलाड़ियों को सरकारी सेवाओं में रोजगार देने और अच्छा प्रदर्शन करने वालों को आउट ऑफ टर्न प्रोमोशन की व्यवस्था भी की है। कैबिनेट ने ओलंपिक खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि बढ़ाई है। हालांकि, इनकी पेंशन का मसला फिलहाल लंबित रखा गया है।
बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में खेल नीति को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। इस नीति में जिक्र है कि खेलों को तीन श्रेणियों विभाजित किया गया है। इसमें कोर खेल विधाएं, गैर कोर खेल विधाएं और परंपरागत खेल शामिल हैं। इन खेलों के हिसाब से प्रशिक्षण देने की व्यवस्था बनाई गई है। नीति में खेलों में आधुनिक तकनीक के बढ़ते हुए प्रयोग को देखते हुए खेल विज्ञान केंद्रों की स्थापना करने पर जोर दिया गया है। यहा खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रदेश के हर जिले में खेलों के महत्व और रुचि के हिसाब से खेल हब बनाए जाएंगे। खेल विशेष में खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। कुशल खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर सरकारी सेवाओं में रखा जाएगा। हालांकि, इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन्हें अधिसंख्यक पदों पर ही रखा जाएगा। उनके लिए अलग से कोई आरक्षण नहीं होगा। खेलों के विकास के लिए मुख्यमंत्री विकास निधि का प्रविधान किया जाएगा। इसमें बजट की व्यवस्था कैसे होगी और इसका व्यय कैसे किया जाएगा यह निर्णय लेने का अधिकार फिलहाल मुख्यमंत्री के पास रखा गया है।
नीति में ये भी प्रविधान
-खेल पुरस्कारों में 30 फीसद तक की बढ़ोतरी।
-कुशल खिलाड़ियों को कॉलेजों में पाच प्रतिशत खेल कोटा।
-निजी क्षेत्रों के सहयोग से कराई जाएंगी खेल प्रतियोगिताएं।
-खेल अवस्थापना सुविधाओं का किया जाएगा विकास।
-युवा प्रतिभाओं के लिए प्रतिभा श्रृंखला विकास कार्यक्रम।
-ग्राम स्तर से राज्य स्तर तक खेल कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन।
-महिलाओ के खेलकूद को होगी अलग व्यवस्था।
-दिव्यांगों के लिए अलग से होंगी खेल प्रतियोगिता।
-खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, रेफरी, निर्णायक व खेल प्रशासक को भी दिए जाएंगे पुरस्कार।