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पटरी पर नहीं आ रही स्पोर्ट्स की व्यवस्थाएं, ठंडे बस्ते में टेंडर प्रक्रिया Dehradun News

रायपुर स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में व्यवस्थाएं पटरी पर हैं। कॉलेज में सफाई व्यवस्था से लेकर छात्रों की पढ़ाई और डॉक्टर का रूटीन चेकअप तक नहीं हो पा रहा है

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 04:54 PM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 04:54 PM (IST)
पटरी पर नहीं आ रही स्पोर्ट्स की व्यवस्थाएं, ठंडे बस्ते में टेंडर प्रक्रिया Dehradun News
पटरी पर नहीं आ रही स्पोर्ट्स की व्यवस्थाएं, ठंडे बस्ते में टेंडर प्रक्रिया Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में असुविधाओं का बोलबाला है। कॉलेज में सफाई व्यवस्था से लेकर छात्रों की पढ़ाई और डॉक्टर का रूटीन चेकअप तक नहीं हो पा रहा है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन है कि आंखें मूंदे बैठा है।

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दरअसल, 26 साल पहले खेलों को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थिति बदतर होती जा रही है। कॉलेज के छात्रों को पिछले सत्र से खेल किट तक नहीं मिली है। कॉलेज में विभिन्न कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। जिसका सीधा नुकसान खिलाड़ियों को हो रहा है। 

कॉलेज में छात्रों की पढ़ाई व्यवस्था तक चरमराई हुई है। उपनल के माध्यम से कॉलेज में कार्यरत शिक्षकों का कॉन्ट्रेक्ट भी समाप्त होने के बावजूद शिक्षक पढ़ा रहे थे, लेकिन कॉन्ट्रेक्ट न बढ़ाए जाने पर शिक्षकों ने पिछले दो दिन से क्लासेज लेनी बंद कर दी हैं। शिक्षकों का आरोप है कि प्रधानाचार्य उनकी सुनवाई नहीं कर रहें हैं। ऐसे ही उपनल के माध्यम से कार्यरत सफाई कर्मियों ने भी पिछले दो दिन से सफाई कार्य नहीं किया है, जिसके चलते छात्रों को गंदगी में रहना पड़ा रहा है। जबकि सत्र शुरू होने से अभी तक छात्रों के लिए धोबी का टेंडर नहीं हुआ है, जिसके चलते छात्र अपने कपड़े खुद धोने को मजबूर हैं। 

रायपुर क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप निरंतर बढ़ रहा है, लेकिन कॉलेज परिसर में डॉक्टर का रूटीन चेकअप तक नहीं हो रहा है। कॉलेज में फार्मसिस्ट तो तैनात है, लेकिन इसे कॉलेज का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि कॉलेज की डिस्पेंसरी में जरूरी दवाएं तक उपलब्ध नहीं हैं। कॉलेज में कार्यरत संविदा कर्मियों का वेतन पांच से छह माह तक रोककर रखा जाता है। ऐसे में सवाल यह है कि कॉलेज की इस स्थिति का असल जिम्मेदार कौन है, कॉलेज प्रबंधन ने समय पर टेंडर प्रक्रिया क्यों पूरी नहीं की।

खेल सचिव बृजेश कुमार का कहना है कि मामला अभी संज्ञान में नहीं है, इस पर एक सप्ताह के भीतर सुधार कराया जाएगा। कॉलेज का निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाओं को परखा जाएगा।

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