मां सिद्धिदात्री की आराधना के साथ हुआ कन्या पूजन
जागरण संवाददाता विकासनगर शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदा
जागरण संवाददाता, विकासनगर: शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की
आराधना के साथ ही कन्या पूजन कर भक्तों ने खुशहाली को मन्नत मांगी। सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना के साथ ही सोमवार को नवरात्र का समापन हो गया।
मां दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। यह सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है। अन्य आठ दुर्गाओं की पूजा उपासना शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार करते हुए भक्त दुर्गा पूजा के नौवें दिन सिद्धिदात्री उपासना में लीन रहे। धार्मिक मान्यता के अनुसार सिद्धिदात्री मां की उपासना पूर्ण कर लेने के बाद भक्तों और साधकों की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। सिद्धिदात्री मां के कृपापात्र भक्त के भीतर कोई ऐसी कामना शेष बचती ही नहीं है, जिसे वह पूर्ण करना चाहे। मां भगवती का परम सान्निध्य ही उसका सर्वस्व हो जाता है। इस परम पद को पाने के बाद उसे अन्य किसी भी वस्तु की आवश्यकता नहीं रह जाती। ऐसा माना गया है कि माँ भगवती का स्मरण, ध्यान, पूजन, हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हुए वास्तविक परम शांतिदायक अमृत पद की ओर ले जाने वाला है। मान्यता यह भी है कि इनकी आराधना से भक्त को अणिमा, लधिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, इशित्व, परकामा प्रवेश, वाकसिद्ध, अमरत्व भावना सिद्धि आदि समस्त सिद्धियों नवनिधियों की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के अंतिम दिन भक्तों ने सभी सिद्धियों की प्राप्ति के लिए मां सिद्धिदात्री की आराधना के साथ ही कन्या पूजन कर माता के सभी नौ स्वरूपों का स्मरण किया। वहीं बाजारों में त्योहारी सीजन के कारण गजब की रौनक रही।