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मानसून के दौरान चारधाम यात्रा मार्ग पर शासन की रहेगी विशेष नजर

मानसून के साथ ही शासन इससे निपटने के लिए सक्रिय हो गया है। इस संबंध में जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 10:04 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 10:04 AM (IST)
मानसून के दौरान चारधाम यात्रा मार्ग पर शासन की रहेगी विशेष नजर
मानसून के दौरान चारधाम यात्रा मार्ग पर शासन की रहेगी विशेष नजर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मानसून के साथ ही शासन इससे निपटने के लिए सक्रिय हो गया है। इस संबंध में जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। चारधाम यात्रा मार्ग के अंतर्गत निर्माणाधीन ऑल वेदर रोड पर भी शासन की नजरें टिकी हुई हैं। 

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इसके लिए संबंधित ठेकेदारों के साथ ही जिलाधिकारियों को मार्ग बंद होने की स्थिति में तुरंत खोलने के निर्देश दिए गए हैं। आपदा की स्थिति में तत्काल आवश्यक कदम उठाने और यात्रियों के ठहरने और भोजन आदि की उचित व्यवस्था करने के को कहा गया है। 

प्रदेश में मानसून में हर वर्ष जगह-जगह आपदा आती है। वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद से ही हर वर्ष मानसून आते ही बरसात से निपटने के लिए तैयारियां सुनिश्चित की जाती हैं। इस वर्ष भी शासन इसके लिए तैयारियों में जुटा हुआ है। हालांकि, इस वर्ष शासन की नजरें चारधाम यात्रा मार्गों पर भी टिकी हुई हैं। 

दरअसल, प्रदेश में इस समय चारधाम ऑल वेदर रोड का कार्य तेजी से चल रहा है। मार्ग चौड़ीकरण के लिए जगह-जगह पहाड़ों का कटान हुआ है। यहां के पहाड़ थोड़े कमजोर प्रकृति के हैं, इस कारण बरसात में जगह-जगह कटे हुए हिस्सों से भूस्खलन होने की आशंका बनी रहती है। 

हालांकि, इसे रोकने के लिए वॉलक्रेट लगाई जा रही है लेकिन यह कुछ ही स्थानों पर लगी है। इस भूस्खलन से रास्तों के बंद होने की आशंका बनी है। वैसे तो भूस्खलन होने की स्थिति में मार्ग खोलने की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र में कार्य कर रहे ठेकेदार की है बावजूद इसके शासन भी अपनी तरफ से इस पर नजर रखे हुए है। 

रास्ता बंद होने की स्थिति में यात्रियों को ठहराने और इनके भोजन इत्यादि आदि की व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग व चमोली में भी विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। सभी जिलाधिकारियों को  खाद्यान्न, ईधन, रसोई गैस, मिट्टी तेल आदि का भंडारण करने को कहा गया है। 

इसके साथ ही अपरिहार्य स्थिति में सैन्य व अद्र्ध सैनिक बलों की भी सेवाएं ली जाएंगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा कुछ दिनों पहले ली गई बैठक के क्रम में इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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