प्रेमचंद अग्रवाल और भगतराम कोठारी के बीच उपजा विवाद नहीं थम रहा, राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन से मिले दोनों
वेद निकेतन स्वर्गाश्रम में विश्व महाशक्ति यज्ञ में शामिल होने आए भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश से दोनों लोगों ने अलग-अलग मुलाकात की।
ऋषिकेश, जेएनएन। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के स्वागत कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और दायित्वधारी भगतराम कोठारी के बीच सड़क पर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वेद निकेतन स्वर्गाश्रम में विश्व महाशक्ति यज्ञ में शामिल होने आए भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश से दोनों लोगों ने अलग-अलग मुलाकात की।
विदित हो कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बीपी वीरवार को नमामि गंगे योजना के तहत चल रहे कार्यों का निरीक्षण करने यहां पहुंचे थे। चंद्रभागा पुल के समीप उनके पहुंचने पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और गन्ना एवं चीनी विकास बोर्ड के अध्यक्ष भगतराम कोठारी के बीच कार्यकर्ताओं का परिचय कराने को लेकर मंत्री के सामने ही विवाद हो गया। विवाद इतना आगे बढ़ गया कि दोनों के बीच तीखी नोकझोंक और अमर्यादित भाषा का खुलकर प्रयोग हुआ। बात यहीं खत्म नहीं हुई, अगले रोज शहीद स्मारक स्थल पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया। वहां मौजूद दायित्वधारी भगतराम कोठारी ने विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस व्यवहार पर खुली चुनौती तक दे डाली थी।
इस मामले में रविवार को भाजपा मंडल के अध्यक्ष चेतन शर्मा और महामंत्री पंकज शर्मा ने पलटवार करते हुए बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि यह निंदा प्रस्ताव कांग्रेसी लोगों की ओर से प्रायोजित है। आंदोलनकारी मंच का नाम लेकर तथाकथित कांग्रेसी अपने हित साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भाजपा का अंदरूनी मामला है। इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा। दोनों ही आंदोलनकारी हैं।
उधर वेद निकेतन स्वर्गाश्रम में संघ परिवार द्वारा 18 दिवसीय विश्व महाशक्ति यज्ञ का आयोजन किया गया है, जिसमें रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय सह मंत्री संगठन शिव प्रकाश शामिल हुए। इस दौरान प्रदेश महामंत्री संगठन नरेश बंसल, संघ के प्रांत प्रचारक युद्धवीर, यमकेश्वर की विधायक रितु खंडूड़ी भी मौजूद रहीं। जानकारी के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन से मुलाकात कर लंबी चर्चा की। एकांत में इन दोनों के बीच क्या बात हुई इसका खुलासा नहीं हो पाया मगर विधानसभा अध्यक्ष के जाने के बाद दायित्वधारी भगतराम कोठारी ने भी उनसे मुलाकात की। समझा जा रहा है कि मुलाकात के पीछे तीन दिन पूर्व हुआ विवाद ही मुख्य कारण रहा है। भगतराम कोठारी पूर्व में ही प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री सहित प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस मामले में पत्र भेज चुके हैं।
कभी था गहरा अपनापन, लेकिन अब हुए बेगाने
पिछले विधानसभा चुनाव में जब प्रेमचंद अग्रवाल को ऋषिकेश विधानसभा सीट से तीसरी बार प्रत्याशी बनाया गया था, तब भाजपा में शामिल होने वाले भगतराम कोठारी साए की तरह उनके चुनाव अभियान में शामिल रहे। पिछले दिनों के घटनाक्रम के बाद हर कोई चकित है कि इस दौरान आखिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों एक-दूसरे के दुश्मन हो गए। इस खटास के पीछे नगर निगम महापौर के चुनाव को मुख्य कारण माना जा रहा है। टिकट के दावेदारों में कोठारी की पत्नी चारू कोठारी शामिल थीं लेकिन टिकट अनीता ममगाईं के खाते में गया। तब कोठारी को मनाने में संगठन और सरकार सफल रही और वह अनीता ममगाईं के साथ जुड़ गए। विधानसभा अध्यक्ष और दायित्वधारी कोठारी के बीच परदे के पीछे का विवाद अब पूरी तरह सड़क और सोशल मीडिया पर आ गया है। इस बात को लेकर सभी चौंक रहे हैं कि विधानसभा अध्यक्ष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले भगतराम कोठारी आखिर क्यों उनसे छिटक गए। नगर निगम चुनाव में महापौर के लिए भगतराम कोठारी ने दावेदारी की थी मगर यह सीट महिला आरक्षित हो जाने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी चारू कोठारी के लिए दावा जताया। क्षेत्रीय विधायक के काफी नजदीक होने के बावजूद कोठारी को टिकट नहीं मिला और पार्टी ने अनीता ममगाईं को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया।
संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले प्रदेश उपाध्यक्ष और नगर निगम प्रभारी विनय रोहिला कोठारी को मनाने में सफल रहे और उन्होंने अधिकृत प्रत्याशी के साथ खुलकर काम किया। विधायक और महापौर के बीच शीत युद्ध में कोठारी महापौर के साथ खड़े नजर आए। कोठारी मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की गुड बुक में शामिल माने जाते हैं। इन्हीं सब बातों से माना जा रहा है कि ये तमाम कारण इन दोनों के बीच उपजे विवाद की जड़ में शामिल रहे हैं। विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने इस विवाद के बाद मीडिया से दूरी बना ली है और कुछ भी कहने से वह बच रहे हैं। दायित्वधारी भगतराम कोठारी का कहना है कि वह आत्म सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कभी भी संगठन या प्रत्याशी के साथ गद्दारी नहीं की।
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