नहीं रहे सपा नेता विनोद बड़थ्वाल, लंबी बीमारी के चलते निधन
यूपी में दायित्वधारी व उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद बड़थ्वाल का निधन हो गया। वह करीब 59 वर्ष के थे।
देहरादून। यूपी में दायित्वधारी व उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद बड़थ्वाल का निधन हो गया। वह करीब 59 वर्ष के थे। दोपहर बाद हरिद्वार स्थित खड़खड़ी श्मशानघाट में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सपा नेता विनोद बड़थ्वाल पिछले एक साल से बीमार चल रहे थे। उन्हें डायबिटीज के साथ ही किडनी संबंधी परेशानी थी। कुछ समय पहले उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा था। वह गुड़गांव स्थित वेदांता अस्पताल में भर्ती थे। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सपा प्रदेश अध्यक्ष को फोन कर विनोद बड़थ्वाल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
देहरादून के रायपुर क्षेत्र स्थित लाडपुर निवासी विनोद बड़थ्वाल ने राजनीतिक जीवन की शुरूआत छात्र राजनीति से की। वह डीएवी पीडी कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष व महासचिव भी रहे।
उनकी पहचान हिमालय पुत्र हेमवती नंदन बहुगुणा के राजनीतिक शिष्य के रूप में भी थी। उनके निधन के बाद विनोद बड़थ्वाल ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव का दामन थाम लिया था। वह काफी साल से समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए थे। साथ ही सपा में प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय महासचिव जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के साथ ही भाजपा के कई नेता उनके आवास पर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। हरिद्वार में कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना, विधायक सुवोध उनियाल, साहब सिंह सैनी, भाजपा प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी आदि भी श्मशानघाट पहुंचे।
विनोद बड़थ्वाल का जीवन सफर
-गांधी इंटर कॉलेज से की प्रारंभिक शिक्षा।
-डीबीएस पीजी कॉलेज से वर्ष1974-75 में किया स्नातक।
-इसके बाद डीएवी पीजी कॉलेज से तीन विषयों (इतिहास, राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र) में किया एमए।
-डीएवी कॉलेज में वर्ष1980 में बने छात्रसंघ महासचिव।
-वर्ष 1982 में डीएवी कॉलेज में बने छात्रसंघ अध्यक्ष। इसी दौरान किया एलएलबी।
-वर्ष 1982 में पहली बार कराया गढ़वाल विश्वविद्यालय छात्र महासंघ का गठन।
- वर्ष1985 में लोकदल टूटने के बाद दलित मजदूर किसान पार्टी के गठन में निभाई अहम भूमिका।
-दो बार उत्तर प्रदेश में एमएलसी का चुनाव लड़ा। पहली बार 80 वोट, जबकि दूसरी बार 4 वोट से हारे।
-वर्ष 1985 में मसूरी विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव भी हार गए थे।
-वर्ष 1989 में जनता दल के गठन में निभाई भूमिका। उत्तर प्रदेश में पार्टी के महामंत्री बने।
-वर्ष 1991 में समाजवादी पार्टी के महामंत्री बने।
-वर्ष 1991 में उत्तर प्रदेश राज्य निर्यात निगम के अध्यक्ष बने।
-वर्ष 1992 में समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदसय बने। पहले राष्ट्रीय सचिव, फिर महासचिव बने।
- वर्ष 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उत्तराखंड गठन के लिए बनाई समिति का अध्यक्ष बड़थ्वाल को बनाया।
-अगस्त 1994 में बड़थ्वाल की रिपोर्ट पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में संकल्प पारित हुआ।
-2000 में उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने। दो बार रहे प्रदेश अध्यक्ष रहे।
-2015 में उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड से संबंधित मामलों के लिए राज्य मंत्री का दर्जा दिया।
पांच गोली खाकर भी रहे ज़िंदा
वर्ष 1988 में रंजिश में विनोद बड़थ्वाल और उनके दोस्त राकेश वासन पर पायल सिनेमा हाल के पास खुर्शीद हेयर ड्रेसर के यहां बाहर बरसाई गई थी गोलियां। इस दौरान उन्हें पांच गोली लगी थी। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। एक महीने बाद हो गए थे दुरुस्त।
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