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यूपी में पुलिस टीम पर हुए हमले से लिया सबक, उत्तराखंड में दबिश के लिए बनेगी एसओपी

उत्तराखंड में एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार की जा रही है। दबिश पर जाने वाली पुलिस टीम को इस एसओपी के तहत ही बदमाशों की मोर्चेबंदी करनी होगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 09:02 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 09:02 AM (IST)
यूपी में पुलिस टीम पर हुए हमले से लिया सबक, उत्तराखंड में दबिश के लिए बनेगी एसओपी
यूपी में पुलिस टीम पर हुए हमले से लिया सबक, उत्तराखंड में दबिश के लिए बनेगी एसओपी

देहरादून, जेएनएन। कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हुए हमले से तकरीबन सभी राज्यों की पुलिस ने सबक लिया है। इस हमले में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। उत्तराखंड में ऐसी घटना न हो, इसके लिए प्रदेश की पुलिस भी दबिश का तरीका बदलने जा रही है। इसके लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार की जा रही है। दबिश पर जाने वाली पुलिस टीम को इस एसओपी के तहत ही बदमाशों की मोर्चेबंदी करनी होगी।

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उत्तर प्रदेश की दिल दहला देने वाली इस घटना को लेकर पुलिस महानिदेशक अनिल के. रतूड़ी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पुलिस कप्तानों व अधिकारियों को नए सिरे से एसओपी तैयार करने का निर्देश दिया था। जिसके तहत किसी भी अपराधी को पकड़ने के लिए दबिश देने से पहले पुलिस टीम को उसका पूरा इतिहास जुटाना होगा। इसके साथ ही टीम को उस इलाके की पूरी इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर धरपकड़ की योजना बनानी होगी। जिससे दबिश को सही तरीके से अंजाम दिया जा सके। साथ ही कमांडो फोर्स ले जाना भी अनिवार्य होगा। अपराधियों की धरपकड़ के लिए बाहर जाने वाली टीमों को भी अपने पास पर्याप्त मात्र में असलहे और गोलियां रखनी होंगी।

आइजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने बताया कि एसओपी तैयार करने और कमांडो ट्रेनिंग के लिए पुलिसकर्मियों को चिह्नित करने का निर्देश जिलों को दिया गया है। 15 दिन के भीतर यह तैयारी पूरी कर ली जाएगी। विकास दुबे गैंग के संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस से इनपुट मांगा गया है। अगर बदमाश उत्तराखंड का रुख करते हैं तो निश्चित तौर पर पकड़े जाएंगे।

हथियार चलाने का कौशल परखा

लॉकडाउन और अनलॉक 1.0 में कोरोना के मोर्चे पर व्यस्त रही पुलिस अब फिर से अपने मूल काम यानी अपराधियों पर शिकंजा कसने की ओर बढ़ रही है। इसी क्रम में रविवार को डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में लगे गनर और थानों के हेड मोहर्रिरों के हथियार चलाने का कौशल परखा। इस दौरान उन्होंने अत्याधुनिक असलहों के साथ पिस्टल, रिवॉल्वर और थ्री नॉट थ्री को खोलने और असेंबल करने के समय का बारीकी से मुआयना किया। इस प्रक्रिया में कुछ को अधिक समय लगा तो डीआइजी ने उन्हें नियमित अभ्यास और हथियार चलाने के कौशल को बेहतर करने का निर्देश दिया।

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उप्र पुलिस के अफसरों से की बात

कभी संगठित अपराध का गढ़ बन चुके हरिद्वार जिले में एसएसपी रहते हुए आइजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने कई बड़े गैंग का सफाया किया था। विकास दुबे प्रकरण के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस के अफसरों से बात कर उन्हें आश्वस्त किया कि इस प्रकरण से जुड़े किसी भी शख्स के उत्तराखंड में होने का इनपुट मिलता है तो राज्य पुलिस हरसंभव मदद करेगी।

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