पोस्टमैन का बेटा बना फौज में अफसर, युवाओं को दिया ये संदेश
जम्मू निवासी पोस्टमैन जनकराज के बेटे ने अपने सपनों में रंग भरे। उन्होंने सेना में अफसर बनने का अपना सपना साकार किया।
देहरादून, [जेएनएन]: मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है, हर पहलू जिंदगी का इम्तिहान होता है। डरने वालों को मिलता नहीं कुछ जिंदगी में, लड़ने वालों के कदमों में जहां होता है। जम्मू निवासी पोस्टमैन जनकराज के बेटे रंगत सिंह पर यह पंक्तियां एकदम सटीक बैठती हैं। वह हालात को हरा सिपाही बने और उसके बाद हौसले से अब अफसर।
देश सेवा के साथ ही कुछ बेहतर करने की चाह रंगत सिंह के मन में अंगड़ाई ले रही थी। वह फौज में अफसर बनना चाहते थे पर आर्थिक हालात और पारिवारिक परिस्थितियों ने ज्यादा वक्त नहीं दिया। ग्राम चकरा बिश्नाह जम्मू निवासी रंगत के पिता पोस्टमैन थे और वह भी अस्थाई पद पर।
यही कारण रहा कि उन्होंने परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के मकसद से 2008 में टेक्नीशियन के तौर पर एयरफोर्स च्वाइन की। जहां वह नौकरी के साथ ही अपना सपना पूरा करने जुट गए।
वर्ष 2014 में आर्मी कैडेट कॉलेज यानी एसीसी के माध्यम से आइएमए की मुख्यधारा में शामिल हुए। शनिवार को आइएमए में आयोजित पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार कर रंगत ने अपने सपने में रंग भर दिए। रंगत सिंह का कहना है कि सपने को साकार करने में उन्हें परिवार का पूरा साथ मिला। यही कारण है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी यह मुकाम उन्होंने हासिल किया। वह कहते हैं कि हौंसले, लगन और पक्के इरादों के साथ कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।
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