छह साल पहले संपत्ति के लिए की पिता की हत्या, आजीवन कारावास की सजा
छह साल पहले संपत्ति के लिए बेटे की हत्या कर दी थी। कोर्ट ने मामले में आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनार्इ है।
विकासनगर, जेएनएन। छरबा में छह साल पहले संपत्ति के लिए पिता की हत्या करने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद की अदालत ने हत्यारे बेटे को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही बीस हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर हत्याभियुक्त को एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी नरेश चंद्र बहुगुणा के अनुसार 12 दिसंबर 2013 को जाकिर पुत्र फकीरा निवासी छरबा ने सहसपुर थाने में तहरीर दी थी कि उसके पिता फकीरा पुत्र फतेह आलम 11 दिसंबर 2013 की रात को घर में सोए हुए थे। अगले दिन सुबह उसके भाई वादिर ने बताया कि पिता फकीरा बिस्तर पर मृत पड़े हैं। मौके पर जाकर देखा तो चारपाई के नीचे खून पड़ा था। उसके पिता के सिर व चेहरे पर चोटों के निशान थे।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर व मौका मुआयना किया। मामले में पुलिस ने मृतक की पुत्री अख्तरी के बयान दर्ज किए। अख्तरी ने पुलिस को बताया कि उसके पिता उसके नाम जमीन दर्ज करना चाहते थे। लेकिन उसका भाई वादिर पिता से इस कारण नाराज था। पूर्व प्रधान छरबा रुमीराम ने भी पुलिस को बयान दिया कि फकीरा ने उसे बताया था कि उसका पुत्र वादिर उसे मारता पीटता है और उसकी हत्या कर सकता है।
पुलिस ने विवेचना के पश्चात वादिर को हत्यारोपित मानते हुए गिरफ्तार कर लिया। जिसकी निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार दरांती और सुंआ भी बरामद किया था। विवेचक तत्कालीन थानाध्यक्ष प्रदीप राणा, इंस्पेक्टर यशपाल सिंह बिष्ट ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। पुख्ता सबूत को देखते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद ने हत्या में वादिर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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