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सरकारी विवि-कॉलेजों को सस्ती हरित बिजली

प्रदेश में सभी विश्वविद्यालयों व राजकीय डिग्री कॉलेजों को अब सस्ती दर पर हरित बिजली मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 07:05 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 07:05 PM (IST)
सरकारी विवि-कॉलेजों को सस्ती हरित बिजली
सरकारी विवि-कॉलेजों को सस्ती हरित बिजली

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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प्रदेश में सभी विश्वविद्यालयों व राजकीय डिग्री कॉलेजों को अब सस्ती दर पर हरित बिजली मिलेगी। कॉलेजों में रेस्को मॉडल में सोलर प्लाट लगाए जाएंगे। अन्य अहम फैसला ये लिया गया है कि महीनेभर में सभी 105 कॉलेजों में नेट कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। इससे छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाई और परीक्षा देने में भी दिक्कतें नहीं उठानी पड़ेंगी।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने शुक्रवार को विधानसभा के सभा कक्ष में उच्च शिक्षा, उरेडा, एनआईसी और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। इसमें उक्त अहम निर्णय लिए गए। डॉ रावत ने कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों को उच्च श्रेणी की नेटवर्क कनेक्टिविटी से जोड़ना सरकार की प्रथामिकता में है। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विकास अभिकरण को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। उच्च शिक्षा विभाग एवं संबंधित विश्वविद्यालय उक्त योजना के लिए धनराशि उपलब्ध कराएंगे।

कंपनी के खर्च पर लगेगा प्लाट

उन्होंने बताया कि समस्त राज्य विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व उच्च शिक्षा निदेशालय में केंद्र सरकार के रेस्को मॉडल के तहत सोलर प्लाट स्थापित किए जाएंगे। इस योजना से इन संस्थानों में बिजली का खर्च घट कर एक चौथाई रह जाएगा। राज्य में अक्षय ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि होगी। सोलर पावर प्लाट की स्थापना चयनित कंपनिया अपने खर्चे पर करेंगी। साथ ही 25 वर्षो तक उक्त प्लाट की देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित फर्म की होगी। इसके लिए संबंधित संस्थान और विभाग फर्म को अपने परिसर में भवनों की छत या खुला स्थान प्लाट लगाने के लिए उपलब्ध कराएंगे। उन्हें विद्युत खपत के अनुसार प्रति यूनिट मात्र 1.89 रुपये का भुगतान संबंधित फर्म को करना होगा।

अतिरिक्त बिजली खरीदेगी सरकार

सोलर प्लाट से खपत से अधिक उत्पादित अतिरिक्त बिजली को इसी दर पर सरकार खरीदेगी। बैठक में सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं उच्च शिक्षा विभाग निदेशक व अधिकारियों ने अपने संस्थानों में उक्त योजना के अंतर्गत सोलर प्लाट स्थापित करने पर अपनी सहमति दी। राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षा विभाग सोलर प्लाट स्थापित करने को एक-एक नोडल अधिकारी नामित करेंगे। वे राज्य में यूपीसीएल एवं उरेडा विभाग के मुख्य परियोजना प्रबंधक से समन्वय कर आवेदन करेंगे।

उरेडा के मुख्य परियोजना प्रबंधक एके त्यागी ने बताया कि इस परियोजना के लिए भारत सरकार के उपक्रम सोलर एनर्जी कार्पोरेशन लिमिटेड ने नामी कंपनियों को चयनित किया है। ये कंपनिया उरेडा से समन्वय कर प्रदेश में रेस्को मॉडल आधारित सोलर पावर प्लाट को स्थापित कर रही हैं। बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव, उच्च शिक्षा सलाहकार समिति के सदस्य एवं उच्च शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी महकमों के अधिकारी मौजूद रहे।


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