सामाजिक संस्थाओं ने की मतदाताओं की मदद, स्वयंसेवियों ने बनाया अनुशासन
लोकतंत्र के पर्व मतदान के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों ने मतदाताओं की मदद के लिए पूरी ताकत झोंक दी। बीमारों की मदद की गई तो मतदाताओं के लिए पानी की व्यवस्था भी की गई।
देहरादून, जेएनएन। लोकतंत्र के पर्व मतदान के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों ने मतदाताओं की मदद के लिए पूरी ताकत झोंक दी। बीमारों की मदद की गई, तो मतदाताओं के लिए पानी की व्यवस्था भी की गई। एनएसएस और एनसीसी की स्वयंसेवियों ने इस दौरान अनुशासन बनाने में अहम भूमिका निभाई।
विकासनगर क्षेत्र में मतदान के दौरान दिव्यांग लोगों को कुछ राहत मिल सके। इसके लिए प्रशासन स्तर पर काफी इंतजाम किए थे। महिला मंगल दल की सदस्यों ने मतदान केंद्रों पर आने वाले दिव्यांग, बीमार और गर्भवती महिलाओं की न सिर्फ सहायता की, बल्कि उन्हें ईवीएम मशीनों तक लाने-ले जाने का काम किया।
दिव्यांगों को मतदान करने में किसी प्रकार की समस्या न हो सके इसके लिए प्रशासन ने पहले ही कार्य योजना तैयार कर ली थी। इसी योजना के तहत सहसपुर क्षेत्र में ज्यादातर मतदान केंद्रों पर महिला मंगल दल की सदस्यों की डयूटी लगाई गई थी।
सहसपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम ढाकी के एक पोलिंग स्टेशन पर तैनात तीन महिला सदस्य दिव्यांग लोगों की मदद में जुटी थी। महिला मंगल दल की सदस्या सुनीता, अर्चना व आरती ने इस संबंध में और अधिक जानकारी देते हुए बताया कि सहसपुर क्षेत्र में दिव्यांग लोगों की संख्या अधिक होने के कारण क्षेत्र के आधा दर्जन से ज्यादा मतदान केंद्रों पर यह व्यवस्था की गई है, जिसके माध्यम से वे मतदान केंद्र पर आने वाले इस प्रकार के लोगों के अलावा गर्भवती महिलाओं और रोगियों की सहायता की गई।
महिला मंगल दल की सदस्या पहली बार उन्हें चुनावी प्रक्रिया में शामिल करने पर खासी उत्साहित भी दिखी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस महापर्व में वे अपनी भूमिका को लेकर बेहद प्रसन्न हैं।
मतदान केंद्र के बाहर लगाया प्याऊ, वोटरों को खिलाए बिस्किट
सामाजिक संस्था वारियर्स गर्लस फाउंडेशन ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय हरर्बटपुर के पोलिंग बूथ के बाहर मतदाताओं को पीने का पानी और बिस्किट की व्यवस्था की। अपने अनोखे कार्यों के लिए जानी जाने वाली वारियर्स गल्र्स फाउंडेशन के सदस्यों ने हरबर्टपुर के सरकारी स्कूल में मतदाताओं को पीने का पानी और बिस्किट खिलाए।
पोलिंग के लिहाज से राजकीय प्राथमिक विद्यालय को यहां का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे ज्यादा मतदाता संख्या वाला मतदान केंद्र है। यही कारण भी है कि किसी भी चुनाव के लिए होने वाले मतदान में इस स्कूल में सबसे ज्याद भीड़ जमा होती है।
ऐसा ही नजारा यहां मतदान के दिन रहा। स्कूल परिसर में स्थित मतदान केंद्रों पर सुबह ही से भारी संख्या में भीड़ जमा हो गई। लाईनें अधिक लंबी हो जाने के कारण मतदाताओं को कई-कई घंटों तक अपनी वोट डालने का इंतजार करना पड़ा। गर्मी के मौसम में लाईनों की इस परेशानी के समय में फाउंडेशन के सदस्य मतदाताओं के लिए एक बडी राहत बनकर आए उन्होंने विद्यालय परिसर में एक ठंडे पानी का स्टॉल लगाया और पानी के साथ ही बिस्किट भी लोगों को खाने को दिए।
इससे मतदान के लिए लाइनों में लगे मतदाताओं ने राहत की सांस ली। संस्था की अध्यक्षा रेहाना सिद्दीकी, उपाध्यक्ष प्रीति सैनी, गुलनवाज, मुस्तफा, समीर, संध्या, मुस्कान, पायल, नरेश, देवेंद्र आदि फाउंडेशन के सदस्यों ने मतदान केंद्र पर आए लोगों की सेवा की।
एनसीसी व एनएसएस स्वयंसेवियों ने बनाया अनुशासन
हरबर्टपुर के राजकीय इंटर कॉलेज में मतदान प्रक्रिया में आम जनता को राहत देने के लिए एनसीसी और एनएसएस यूनिट ने मतदान के पूरे समय ड्यूटी निभाई। लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान की दृष्टि से जहां शासन-प्रशासन स्तर पर काफी प्रबंध किए गए थे, वहीं स्कूल-कॉलेजों के एनसीसी के कैडेट और एनएसएस के स्वयं सेवियों ने प्रशासनिक कमचारियों के साथ पूरा सहयोग दिया।
इंटर कॉलेज के इन छात्र-छात्राओं ने मतदान केंद्र में एंट्री से लेकर अंदर जाने तक की सारी जानकारियां मतदाताओं को उपलब्ध कराई। सुरक्षा की दृष्टि से हालांकि मतदान केंद्र पर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात किए गए थे, लेकिन बावजूद इसके एनसीसी कैडेट और एनएसएस के स्वयं सेवी पूरी जांच पड़ताल के बाद ही किसी मतदाता को अंदर जाने दे रहे थे।
अनुशासन बनाए रखने के अन्य प्रयासों के अलावा मतदाताओं को वोट डालने की प्रक्रिया की सारी जानकारी भी ये युवक और युवतियां विस्तृत रूप से दे रहे थे। एनसीसी कैडेटस और एनएसएस के स्वयं सेवियों की सराहना करते हुए क्षेत्रवासी वोटरों का कहना था कि इंटर कॉलेज के इन बच्चों के इस कार्य से उन्हें काफी राहत मिली है।
मतदान कर्मियों को परोसा खाना
पछवादून में लोकसभा चुनाव के लिए संपन्न हुई मतदान की प्रक्रिया में जुटे मतदान कर्मियों को भोजन माताओं ने भोजन परोसा। चुनाव आयोग ने पहले ही आदेश कर दिया था कि सरकारी स्कूलों में मिड डे मील तैयार करने वाली भोजन माताएं मतदान अधिकारियों को दोपहर का भोजन परोसेंगी। इसके लिए उन्हें पारिश्रमिक भी दिया जाएगा।
हालांकि, पहले के चुनावों में मतदान की प्रक्रिया में लगाए जाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को एक निश्चित राशि के रूप में खाने-पीने का खर्चा दिया जाता था। ग्रामीण और दूर दराज वाले क्षेत्रों में पोलिंग पार्टियों को काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता था। आयोग ने इन सब समस्याओं का समाधान करते हुए इस बार यह व्यवस्था की थी।
आयोग की इस नई व्यवस्था के तहत विकासनगर, सहसपुर और चकराता विधानसभा क्षेत्रों के विभिन्न पोङ्क्षलग केंद्रों पर मतदान में जुटी पोलिंग पार्टियों के सदस्यों ने काफी राहत महसूस की।
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