मिशन 2022 को लेकर उत्तराखंड पहुंचे सोशल एक्टिविस्ट रिबेल श्रद्धानंद पति, नागरिकों को अधिकारों के प्रति करेंगे जागरूक
मिशन 2022 को लेकर सोशल एक्टिविस्ट व रिबेल फाउंडेशन के संस्थापक रिबेल श्रद्धानंद पति देवभूमि उत्तराखंड पहुंच गए हैं। वह प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे। कहा हम राजनीतिक दलों को सचेत करना चाहते है। जहां भी पूर्ण बहुमत की सरकार है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : मिशन 2022 को लेकर सोशल एक्टिविस्ट व रिबेल फाउंडेशन के संस्थापक रिबेल श्रद्धानंद पति देवभूमि उत्तराखंड पहुंच गए हैं। वह प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे।
गुरुवार को प्रेमनगर स्थित दून वैली इंटरनेशनल स्कूल में बिल्डिंग ड्रीम्स फाउंडेशन के बैनर तले प्रेसवार्ता आयोजित की गई। जिसमें रिबेल श्रद्धानंद पति ने कहा कि मिशन 2022 के तहत वह यहां राजनीति करने नहीं आए हैं। बल्कि यहां की मूलभूत समस्याओं को उजागर कर व सुझाव जनता को बताने आए हैं। हम राजनीतिक दलों को सचेत करना चाहते है। जहां भी पूर्ण बहुमत की सरकार है। वहां के नेता यह नहीं सोचें कि जनता का वोट मिल गया है तो वह अब कुछ नहीं कर सकती है। वह प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जमीनी स्तर पर नागरिकों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं को जानेंगे। साथ ही उन समस्याओं को दूर करने के लिए कार्य कर रहे युवाओं को चुनाव लडऩे के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि वह ऐसे व्यक्तियों की टीम तैयार करेंगे और इनके लिए निश्शुल्क कैंपेन करेंगे। कहा कि उत्तराखंड में समस्याएं हैं तो उनके समाधान भी यहीं है। बस समाधान करने के लिए जनप्रतिनिधियों में साहस होना जरूरी है।
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वैक्सीन के मामले में रामदेव के साथ हूं
रिबेल श्रद्धानंद पति ने कहा कि रामदेव की तरह वह भी एलोपैथ की बजाय आयुर्वेदिक में विश्वास रखते हैं। बाबा रामदेव कहते हैं कि वैक्सीन उपयोगी नहीं है तो इस मामले में मैं उनके साथ हूं। उनके साथ मंच साझा करने के लिए तैयार हूं।
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