बर्फीले बियावान में हिम तेंदुओं को अब नहीं सताएंगे कुत्तों के झुंड
तिब्बत सीमा से लगे उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं समेत दूसरे वन्यजीवों के लिए कुत्ते मुसीबत का सबब नहीं बनेंगे। इसके लिए आइटीबीपी ने समुचित इंतजाम शुरू कर दिए हैं।
देहरादून, [केदार दत्त]: तिब्बत सीमा से लगे उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं समेत दूसरे वन्यजीवों के लिए कुत्ते मुसीबत का सबब नहीं बनेंगे। सीमा पर तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) ने वन्यजीव महकमे के अनुरोध पर अपनी चौकियों व मेस के नजदीक निष्प्रयोज्य खाद्य पदार्थो के निस्तारण को उचित इंतजाम प्रारंभ कर दिए हैं। गंगोत्री नेशनल पार्क की नेलांग घाटी में इसकी पहल की गई और अब नंदादेवी बायोस्फीयर रिजर्व (एनडीबीआर) में भी ऐसे ही तैयारी है।
देहरादून में हुई आइटीबीपी और वन महकमे के अफसरों की बैठक में इस पर सहमति बनी। उच्च हिमालयी क्षेत्र में एनडीबीआर और गंगोत्री नेशनल पार्क में कुत्तों के झुंड लंबे समय से परेशानी का सबब बने हैं। ये हिम तेंदुओं समेत दूसरे वन्यजीवों पर भी हमले कर रहे हैं। वहां लगे कैमरा ट्रैप में ऐसी तस्वीरें कैद होने से वन्यजीव महकमे की पेशानी पर बल पड़ गए।
दरअसल, सीमा पर सेना और आइटीबीपी की चौकियां हैं। वहां स्थित मेस से फेंके गए निष्प्रयोज्य खाद्य पदार्थों को कुत्ते अपना आहार बनाते हैं। स्थिति ये है कि गंगोत्री नेशनल पार्क व नंदादेवी बायोस्फीयर में कुत्तों की संख्या में खासा इजाफा हो गया है।
इस समस्या से निबटने के मद्देनजर पिछले साल नवंबर में अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव डॉ. धनंजय मोहन ने पहल की। इसके तहत उत्तरकाशी में सेना और आइटीबीपी के अधिकारियों से वार्ता की गई, जिसमें सहमति बनी कि चौकियों व मेस के नजदीक निष्प्रयोज्य खाद्य पदार्थो के निस्तारण को लोहे के कूड़ेदान रखे जाएंगे।
डॉ.धनंजय के अनुसार आइटीबीपी ने गंगोत्री पार्क की नेलांग घाटी में ऐसे कूड़ेदान रखे हैं। इससे वहां कुत्तों को आसानी से मिलने वाले भोजन पर न सिर्फ रोक लगी है, बल्कि इनकी संख्या भी कम हुई है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी के अनुसार देहरादून में हुई आइटीबीपी और वन्यजीव विभाग के अफसरों की बैठक में इस मुहिम को आगे बढ़ाने पर आइटीबीपी ने सहमति जताई। इस कड़ी में नंदादेवी बायोस्फीयर रिजर्व में भी नेलांग की तरह बेकार खाद्य पदार्थों के निस्तारण को कदम उठाए जाएंगे।
हिमवीरों के साथ करेंगे पेट्रोलिंग
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक बताते हैं कि वन्यजीव संरक्षण में भी आइटीबीपी सहयोग देगी। इसके तहत हिमवीरों (आइटीबीपी के जवान) के साथ पेट्रोलिंग में वनकर्मी भी रहेंगे। यही नहीं, विभाग के कर्मी, आइटीबीपी की चौकियों में जाकर इस क्षेत्र के वन्यजीवों के बारे में जानकारियां साझा करेंगे। यही नहीं, कैमरा ट्रैप की सुरक्षा में भी हिमवीर मदद करेंगे।
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