तीन नवंबर से शुरू होगी हिम तेंदुओं की गणना
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले हिम तेंदुओं (स्नो लेपर्ड) की गणना दो नवंबर से शुरू होगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले हिम तेंदुओं (स्नो लेपर्ड) की गणना दो नवंबर से शुरू होगी। पहले चरण की गणना 20 दिसंबर तक चलेगी। सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत उच्च हिमालयी क्षेत्र के 10 वन प्रभागों में यह गणना की जाएगी। इन प्रभागों के 12800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को 80 ग्रिड में बांटा गया है, जिनमें 80 टीमें गणना में जुटेंगी। चार चरणों की इस गणना के नतीजे अगले साल नवंबर तक घोषित किए जाएंगे।
प्रदेश में हिम तेंदुओं की मौजूदगी काफी पहले से ही दर्ज की जाती रही है। ये उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, बदरीनाथ, केदारनाथ वन प्रभागों के साथ ही नंदादेवी बायोस्फीयर रिजर्व, गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविद वन्यजीव विहार के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में देखे जाते रहे हैं। यहां लगे कैमरा ट्रैप में अक्सर इनकी तस्वीरें कैद हुई हैं। प्रदेश में इनकी संख्या कितनी है, इसकी कोई पुख्ता जानकारी विभाग के पास नहीं है। इसका मुख्य कारण इनकी गणना न हो पाना था। कुछ समय पहले संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के तहत सिक्योर हिमालय परियोजना शुरू होने पर हिम तेंदुओं की गणना का निर्णय लिया गया। इसमें हिम तेंदुओं के फुटमार्क, मल के नमूने लेने के साथ ही उन्हें प्रत्यक्ष भी देखा जाएगा। साथ ही स्थानीय निवासियों, सेना व आइटीबीपी के कैंपों में रहने वाले सैन्यकर्मियों, चरवाहों से संपर्क कर हिम तेंदुआ संभावित स्थलों की जानकारी लेकर इन्हें चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद जगह-जगह कैमरा ट्रैप लगाकर इनकी तस्वीरें ली जाएंगी। इन तस्वीरों का विश्लेषण कर इनकी गणना की जाएगी। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग ने बताया कि इसके लिए कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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