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जंक फूड को कहें बाय-बाय; पोष्टिक भोजन पर दें ध्यान; बीमारियों से रहें दूर

जंक फूड के कई दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। इस जंक फूड के खतरों से बेखबर युवा बीमारियों की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए जंक फूड को छोड़ना होगा।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 09:32 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 09:32 AM (IST)
जंक फूड को कहें बाय-बाय; पोष्टिक भोजन पर दें ध्यान; बीमारियों से रहें दूर
जंक फूड को कहें बाय-बाय; पोष्टिक भोजन पर दें ध्यान; बीमारियों से रहें दूर

देहरादून, जेएनएन। भागती दौड़ती जिंदगी और महानगरीय जीवन शैली में जंक फूड आज की पीढ़ी का पसंदीदा भोजन है। साथ ही सच्चाई यह है कि जंक फूड सेहत को भी तेजी से जंग लगा रहा है। आलम यह है कि इस जंक फूड के खतरों से बेखबर युवा बीमारियों की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। वरिष्ठ गैस्ट्रो सर्जन डॉ. विपुल कंडवाल ने दैनिक जागरण के अभियान 'जंक फूड से जंग' के तहत आयोजित कार्यशाला में यह बात कही। 

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उत्तरांचल विश्वविद्यालय के विधि संकाय लॉ कॉलेज देहरादून में आयोजित कार्यशाला में उन्होंने कहा कि हमारा फूड कल्चर आज पूरी तरह बदल चुका है। समय के साथ रहन-सहन, बातचीत और पहनावे के साथ हमारे खानपान में भी काफी बदलाव आया है। जिसके कई तरह के दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छा खानपान जरूरी है। महीने में एक बार स्वाद के लिए जंक फूड या फास्ट फूड खा सकते हैं, पर इसके इतने भी शौकीन मत बनिए कि लत ही लग जाए। घर का स्वच्छ, स्वस्थ भोजन खाएं और स्वस्थ रहें। डॉ. कंडवाल ने कहा कि जंक फूड आपकी भूख को तुरंत शांत कर देता है, पर यह आपको आलस्य की तरफ धकेल सकता है। 

कारण ये कि इन खाद्य पदार्थों में आवश्यक पोषण तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आदि की कमी होती है और मैदा व तेल से बने यह उत्पाद आपकी ऊर्जा कम कर देते हैं। शारीरिक व मानसिक विकास के लिए पोषणयुक्त खाना ही उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि कई बार लोग अपने खाने के बारे में ये नहीं सोचते कि वे क्या और क्यों खा रहे हैं, जो भी मिल जाता है, उसे खा ले लेते हैं। यह आदत बहुत खतरनाक होती है। 

हर दिन उल्टा-सीधा खाने से आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है, जिससे शरीर काफी कमजोर हो जाता है। जिससे शरीर में कई प्रकार के रोग प्रवेश करने लगते हैं। ऐसे में शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है और इम्यूनिटी सिस्टम भी शरीर का साथ छोड़ देता है।   

उन्होंने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा परोसी जा रही न्यू डाइट को आज एचएफएसएस या फिर हाई फैट, सॉल्ट और शुगर के तौर पर जाना जाता है। अच्छी बात है कि आज देश 'सही खाएं' जैसी बहस के लिए तैयार हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के केंद्र में खानपान को शामिल करने की वकालत उन्होंने की। कहा कि यह सिर्फ डॉक्टरों, पोषण विशेषज्ञों और डायटिशियन की ही चिंता क्यों रहे। खानपान सही होगा तो कई बीमारियां तो स्वत: ही समाप्त हो जाएंगी।

उत्तरांचल विवि के निदेशक अभिषेक जोशी ने दैनिक जागरण के इस अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि आजकल लोग जितना ज्यादा हेल्थ कॉन्शियस हो गए हैं, उतना ही खानपान को लेकर बेपरवाह। घर के बने पौष्टिक खाने की जगह अनहेल्दी जंकफूड ने ले ली है। जबकि सही खानपान ही स्वस्थ जीवन का आधार है।

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लॉ कॉलेज देहरादून के प्राचार्य डॉ. राजेश बहुगुणा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि डॉ. कंडवाल ने जो बताया छात्र-छात्राएं उसे फालो करेंगे। ताकि स्वस्थ रहें। इस दौरान लॉ कॉलेज देहरादून की विभागाध्यक्ष पूनम रावत आदि उपस्थित रहे। इस आयोजन में लॉ कॉलेज देहरादून, स्कूल ऑफ मीडिया एंड कम्यूनिकेशन और लॉ कॉलेज देहरादून के एनएसएस विंग के छात्र-छात्राएं शामिल हुए। वहीं चिराग गर्ग, अक्षत मलेथा व अंश श्रीवास्तव का विशेष सहयोग रहा।

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