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आयुष के जरिये बेहतर स्वास्थ्य का संकल्प

राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ का छठा प्रांतीय अधिवेशन बुधवार को शुरू हुआ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 08:19 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 08:19 PM (IST)
आयुष के जरिये बेहतर स्वास्थ्य का संकल्प
आयुष के जरिये बेहतर स्वास्थ्य का संकल्प

जागरण संवाददाता, देहरादून: राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ का छठा प्रांतीय अधिवेशन बुधवार को शुरू हुआ। जीएमएस रोड स्थित होटल में आयोजित दो दिवसीय अधिवेशन की शुरुआत भगवान धन्वंतरि के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की गई। इस अवसर पर स्मारिका 'संजीवनी' का भी विमोचन किया गया।

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मुख्य अतिथि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील जोशी ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली के कारण उत्पन्न होने वाली विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए आयुर्वेद एक प्रभावशाली विकल्प है। आज देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी आयुर्वेद की स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है। सबको स्वास्थ्य के लक्ष्य के साथ हमें आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ ही इसका भी दायरा बढ़ाना होगा। आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे इस चिकित्सा पद्धति को और लोकप्रिय बनाने के लिए काम करें। राज्य में वेलनेस सेंटर के लिए आयुर्वेद चिकित्साधिकारीयों के संपर्को के इस्तेमाल की बात भी उन्होंने कही। पूर्व निदेशक डॉ. डीके शर्मा ने संवर्ग के विस्तार पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज अधिकाश लोग आयुर्वेद, योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से एक स्वस्थ जीवन प्राप्त करने के तरीके ढूंढ रहे हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी कहीं अधिक बढ़ जाती है। औषधि नियंत्रक डॉ. वाईएस रावत ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सक विषम परिस्थितियों में भी स्वास्थ्य सेवाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यह उम्मीद जताई कि चिकित्सकों की लंबित मांगों पर सरकार जल्द कार्रवाई करेगी। इस दौरान डॉ. पीडी चमोली, डॉ. वाईएस मलिक, डॉ. केएस असवाल, आयुर्वेद विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. माधवी गोस्वामी एवं परिसर निदेशक डॉ. राधाबल्लभ सती आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम संयोजक डॉ. आशुतोष पंत रहे, जबकि संचालन डॉ. नवीन जोशी ने किया। प्रांतीय कार्यकारिणी के लिए चुनाव आज

उद्घाटन सत्र से पूर्व प्रातीय कार्यकारिणी के चुनाव के लिए नामाकन हुए। अध्यक्ष पद के लिए डॉ. केएस नपलच्याल, डॉ. आलोक शुक्ल एवं डॉ. डीके कैंतुरा जबकि महासचिव पद के लिए डॉ. हरदेव सिंह रावत एवं डॉ. अजय धनिक ने दावेदारी की। कोषाध्यक्ष पद के लिए डॉ. गजेंद्र बसेड़ा व डॉ. नीरज कोली ,वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए डॉ. मोहम्मद शाहिद व डॉ. मीरा रावत ने आवेदन किया। गुरुवार को इन सभी पदों के लिए वोटिंग होगी और शाम तक परिणामों की घोषणा कर दी जाएगी।

भारतीय चिकित्सा परिषद का परिणाम घोषित

- प्रदेश स्तर पर चार सदस्य हुए निर्वाचित

जागरण संवाददाता, देहरादून: भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के चुनाव का परिणाम घोषित कर दिया गया है। गढ़वाल से डॉ. महेंद्र राणा, हरिद्वार से डॉ. चंद्रशेखर व कुमाऊं से डॉ. हरिद्वार शुक्ला सदस्य निर्वाचित हुए हैं। इसके अलावा हकीम से मोहम्मद जावेद आलम सदस्य चुने गए हैं।

बता दें, भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में कुल 13 सदस्य होते हैं। इनमें पांच राज्य सरकार द्वारा नामित किए जाते हैं। जबकि चार निर्वाचित होकर आते हैं। इसके अलावा चार सदस्य महाविद्यालयों से होते हैं। जिनमें दो सरकारी व दो गैर सरकारी कॉलेज के होते हैं। निर्वाचित सदस्यों के लिए हर तीन साल में चुनाव कराए जाते हैं, जिसमें प्रदेश के आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सक प्रतिभाग करते हैं। पर पिछले करीब डेढ़ साल से ये पद रिक्त चल रहे हैं। इसके अलावा महाविद्यालयों से भी अभी कोई सदस्य परिषद में नहीं है। निर्वाचित सदस्य के लिए हाल में पोस्टल बैलेट से चुनाव कराया था, पर हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव परिणाम की घोषणा पर रोक लगा दी थी। यह रोक हटने के बाद अब परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। जिसके बाद परिषद की बोर्ड की स्थिति भी अब सुधरती दिख रहा है।


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