Move to Jagran APP

कैबिनेट बैठकः उत्तराखंड में 500 नए स्टार्टअप देंगे हजारों रोजगार

कैबिनेट बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा हुर्इ। इसमें उत्तराखंड में स्टार्टअप के जरिये नए उद्यमियों को प्रोत्साहन और स्वरोजगार व रोजगार के हजारों अवसर खुलने का रास्ता साफ किया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 14 Feb 2018 04:33 PM (IST)Updated: Thu, 15 Feb 2018 01:26 PM (IST)
कैबिनेट बैठकः उत्तराखंड में 500 नए स्टार्टअप देंगे हजारों रोजगार
कैबिनेट बैठकः उत्तराखंड में 500 नए स्टार्टअप देंगे हजारों रोजगार

loksabha election banner
v style="text-align: justify;">
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड में स्टार्टअप के जरिये नए उद्यमियों को प्रोत्साहन और स्वरोजगार व रोजगार के हजारों अवसर खुलने का रास्ता साफ किया गया है। राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को स्टार्टअप नीति-2018 को हरी झंडी दिखा दी है। इसके तहत कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, जैविक प्रौद्योगिकी, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण व आयुष के क्षेत्रों में 500 नए स्टार्ट अप विकसित किए जाएंगे। 
नए उद्यमियों को आगे बढ़ाने को उनके प्रशिक्षण, उत्पादों की मार्केटिंग से लेकर पेटेंट तक सरकार भरपूर मदद करेगी। उन्हें जीएसटी से राहत रहेगी। वहीं अन्य अहम फैसले में नजूल भूमि नीति को मंजूरी दी। इससे राज्य में नजूल भूमि पर काबिज हजारों लोगों को मालिकाना हक मिल सकेगा। नजूल भूमि पर पूरी तरह से अवैध कब्जाधारक 300 वर्गमीटर से ज्यादा भूमि फ्रीहोल्ड नहीं करा सकेंगे। 
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी होने की वजह से इन फैसलों की नियमित ब्रीफिंग नहीं की गई। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल ने नई स्टार्ट अप नीति के तहत युवाओं को नए स्टार्ट अप के विकास पर मुहर लगाई।
नए स्टार्टअप के बारे में स्टार्टअप काउंसिल फैसला लेगी। इसके तहत प्रशिक्षण के लिए चयनित सामान्य युवाओं को प्रशिक्षण के लिए प्रतिमाह 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। अनुसूचित जाति व जनजाति और दिव्यांग के युवाओं को 15 हजार रुपये दिए जाएंगे। स्टार्ट अप नीति में उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भी सरकार मदद देगी। 
इसीतरह उत्पादों की मार्केटिंग के लिए युवाओं को पांच लाख और अनुसूचित जाति-जनजाति के युवाओं को सात लाख रुपये तक वित्तीय सहायता मिलेगी। नए उद्यमियों को पेटेंट के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। एक लाख और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट के लिए पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। खास बात ये भी इन उद्यमियों को जीएसटी से भी राहत रहेगी।
इसी मंत्रिमंडल ने नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड करने की नीति को स्वीकृति दी। इससे फैसले से हजारों परिवारों को राहत मिलने जा रही है। राज्य में दो करोड़ 41 लाख 97 हजार 186 वर्गमीटर नजूल भूमि है। आजादी से पहले और बाद में कई लोगों को उक्त भूमि पर मालिकाना हक के लिए नीतियां बनाई गईं, लेकिन इनका ठीक ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पाया। अब सरकार ने नजूल भूमि नीति की तीन श्रेणियां बनाकर सर्किल रेट के आधार पर भूमि फ्रीहोल्ड शुल्क तय कर दिया है। 
आवासीय श्रेणी
-जिन्होंने नियमों का उल्लंघन नहीं किया, उन्हें 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 25 फीसद, 200 से 500 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 35 फीसद व 500 वर्गमीटर से ज्यादा होने पर 60 फीसद सर्किल रेट देना होगा। 
-पट्टे का नवीनीकरण नहीं कराने वालों को 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 30 फीसद, 500 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 50 फीसद और इससे ज्यादा होने पर 70 फीसद जमा कराना होगा। 
-शर्तो का उल्लंघन करने व गलत तरीके से पट्टा हस्तांतरण करने वालों को 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 60 फीसद, 500 वर्गमीटर तक 80 फीसद व 500 वर्गमीटर से अधिक भूमि पर 110 फीसद सर्किल रेट को बतौर मूल्य देना होगा। 
व्यावसायिक श्रेणी
शर्तों का पालन करने वालों को 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 40 फीसद, 500 वर्गमीटर तक 50 फीसद व इससे अधिक भूमि पर 80 फीसद सर्किल रेट जमा कराना होगा। इस श्रेणी में पट्टे नवीनीकरण नहीं कराने वालों को सर्किल रेट का क्रमश: 50 फीसद, 70 फीसद व 90 फीसद मूल्य और शर्तों का उल्लंघन करने वालों को सर्किल रेट का क्रमश: 80 फीसद, 100 फीसद व 130 फीसद मूल्य देना होगा। 
अवैध कब्जा यानी पूर्ण उल्लंघन
पूरी तरह शर्तों का उल्लंघन व अवैध कब्जाधारक 300 वर्गमीटर से ज्यादा भूमि फ्रीहोल्ड नहीं करा सकेंगे। 300 वर्गमीटर तक उन्हें आवासीय श्रेणी में सर्किल रेट का 120 फीसद, व्यावसायिक श्रेणी में 150 फीसद मूल्य जमा कराना होगा। 
कैबिनेट फैसले 
-नजूल भूमि कब्जाधारकों को मालिकाना हक, नई नीति मंजूर  -अवैध कब्जे की 300 वर्गमीटर से ज्यादा भूमि फ्रीहोल्ड नहीं
-स्टार्टअप के तहत प्रशिक्षण, उत्पाद मार्केंटिंग, पेटेंट में वित्तीय मदद, जीएसटी से राहत
-निजी सुरक्षा एजेंसी नियमावली, 2018 को हरी झंडी, निजी सुरक्षा एजेंसी अब खुद भी स्थापित कर सकेंगी प्रशिक्षण एजेंसी
-विश्व बैंक सहायतित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को मंजूरी
-केदारनाथ धाम में मंदिर के चबूतरे और रास्ते के बीच तीन-चार मकानों की 420.15 वर्गमीटर का भूमि को सहमति से लेगी सरकार, इसके लिए एक करोड़ बतौर मुआवजा देने पर मुहर
-उत्तराखंड खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले में पूर्ति निरीक्षक नियमावली को मंजूरी 
-पशुपालन में स्नातक सहायक के पदों पर नियुक्ति राज्य लोक सेवा आयोग के बजाय राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से करने पर मुहर
-उत्तराखंड कृषि उत्पाद विपणन बोर्ड में अध्यक्ष व मुख्य कार्याधिकारी को एक-एक निजी सचिव के अब दोनों पद अब नियमित करने को स्वीकृति
-ऊधमसिंहनगर और नैनीताल जिले में एनएच-87 रुद्रपुर-काठगोदाम के विस्तारीकरण के लिए ली जा रही भूमि के एवज में केंद्र सरकार को प्रीमियम 20.22 करोड़ देने से राहत
-एमडीडीए की ओर से अखिल भारतीय महिला आश्रम, लक्ष्मण चौक में भवन पर लिया जाने वाला 2,13,981 विकास शुल्क माफ करने का निर्णय
-उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम के सालाना लेखा दस्तावेजों को विधानसभा में रखने को मंजूरी
-देहरादून में पुरानी जेल परिसर में न्यायालय भवन निर्माण को अतिरिक्त पांच बीघा जमीन जमीन देने की स्वीकृति
-राज्य के महाधिवक्ता कार्यालय में स्टाफ का मौजूदा ढांचा बदलकर नौ पद बढ़ाने का निर्णय लिया, ढांचे में अब 59 के बजाय 68 पद
-उत्तराखंड आवास नीति के क्रियान्वयन को नियमावली पर लगी मुहर
-दिव्यांगों को प्रदेश में समूह-क, ख, ग व घ पदों के रिक्त पदों पर क्षैतिज आरक्षण अब तीन फीसद के बजाय चार फीसद मिलेगा
-नैनीताल जिले के लालकुआं में वर्ग-तीन में भूमि पर कब्जाधारक व वर्ग-चार में भूमि पर पट्टेधारकों को फ्रीहोल्ड की मोहलत छह माह बढ़ाई

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.