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शिक्षक भर्ती मामले की जांच पर एसआइटी ने जताई असमर्थता

एसआइटी ने शासन को पत्र लिखकर शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच संबंधी कार्य को हटाने का अनुरोध किया है। एसआइटी ने कहा है कि दस्तावेजों की जांच शिक्षा विभाग से ही करा ली जाए।

By Edited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 08:56 AM (IST)
शिक्षक भर्ती मामले की जांच पर एसआइटी ने जताई असमर्थता
शिक्षक भर्ती मामले की जांच पर एसआइटी ने जताई असमर्थता

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: शिक्षकों की भर्ती में फर्जीबाड़े की जांच कर रही एसआइटी ने शासन को पत्र लिखकर शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच संबंधी कार्य को हटाने का अनुरोध किया है। एसआइटी ने कहा है कि दस्तावेजों की जांच शिक्षा विभाग से ही करा ली जाए। विभाग को यदि किसी प्रकरण पर गंभीरता नजर आती है तो फिर उसे एसआइटी को संदर्भित कर दिया जाए। अब एसआइटी के पत्र पर शासन में मंथन चल रहा है।

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 प्रदेश में बीते वर्ष विद्यालयी शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षकों के खिलाफ फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर नियुक्ति पा जाने की शिकायतें आई थीं। विभागीय जांच में कुछ की पुष्टि भी हुई। जब शिकायतें बढ़ी तो सरकार ने इसकी जांच एसआइटी से कराने का निर्णय लिया। पहले एसआइटी से वर्ष 2015 और 2016 में भर्ती हुए शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच करने को कहा गया। 

बाद में जांच का दायरा दो वर्ष और बढ़ाते हुए वर्ष 2012 से वर्ष 2014 के भी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के निर्देश दिए गए। अभी तक एसआइटी अपनी जांच में 60 से अधिक शिक्षकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेवा पाने के मामले में आरोपित कर चुकी है। अब चूंकि जांच काफी हो चुकी है ऐसे में एसआइटी कार्यालय की ओर से एक पत्र शासन को भेजा गया है। इस पत्र में एसआइटी ने अपने यहां सीमित कर्मचारियों का हवाला दिया है। कहा गया है कि विभाग में 20 से अधिक कर्मचारी तैनात हैं और सभी दस्तावेजों की जांच में ही लगे हुए हैं। 

इससे एसआइटी की अन्य जांचें प्रभावित हो रही हैं। इस स्थिति में एसआइटी को इस जांच से अब मुक्त कर दिया जाए। शिक्षा विभाग से ही शेष दस्तावेजों की जांच करा ली जाए। जिस प्रकरण में एसआइटी की जरूरत पड़े, वहां एसआइटी जांच करने को तैयार है। एसआइटी के इस पत्र के बाद अब शासन इस पर मंथन कर रहा है कि यह जांच विभाग को दी जाए अथवा एसआइटी से ही इसे जारी रखा जाए।

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