लॉकडाउन से आसन झील में पसरा सन्नाटा
जागरण संवाददाता विकासनगर कोरोना महामारी ने पर्यटन व्यवसाय को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। लॉकडाउन के चलते जीएमवीएन के आसन पर्यटन स्थल पर पर्यटक नदारद हैं। इन दिनों आसन झील में बोटिग व भ्रमण पर प्रतिबंद होने से गढ़वाल मंडल विकास निगम प्रबंधन को लाखों का घाटा हो चुका है। जीएमवीएन के आसन पर्यटन स्थल पर प्रबंधक समेत 12 कर्मचारियों का वेतन तक नहीं निकल पा रहा है। मार्च से जून तक बोटिग व रेस्टोरेंट से जीएमवीएन पंद्रह से बीस लाख रुपये तक कमी आमदनी कर लेता था।
जागरण संवाददाता, विकासनगर: कोरोना महामारी ने पर्यटन व्यवसाय को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। लॉकडाउन के चलते जीएमवीएन के आसन पर्यटन स्थल पर पर्यटक नदारद हैं। इन दिनों आसन झील में बोटिग व भ्रमण पर प्रतिबंद होने से गढ़वाल मंडल विकास निगम प्रबंधन को लाखों का घाटा हो चुका है। जीएमवीएन के आसन पर्यटन स्थल पर प्रबंधक समेत 12 कर्मचारियों का वेतन तक नहीं निकल पा रहा है। मार्च से जून तक बोटिग व रेस्टोरेंट से जीएमवीएन पंद्रह से बीस लाख रुपये तक कमी आमदनी कर लेता था।
कोरोना महामारी ने पर्यटन व्यवसाय को बुरी तरह से प्रभावित किया है। जौनसार बावर के पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं। लोकल पर्यटक तक दूरी बना रहा है। आसन झील में बोटिग के लिए गर्मी में काफी संख्या में पर्यटक रोजाना आते थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते पर्यटक नदारद हैं। जीएमवीएन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जीएमवीएन के आसन पर्यटन स्थल पर बोटिग के साथ ही रेंस्टोरेंट व रहने के लिए कॉटेज आदि की सुविधाएं हैं। शांत वातावरण व झील का सौंदर्य देखने और बोटिग करने को हर साल भारी संख्या में पर्यटक उमड़ते थे, लेकिन इस बार सन्नाटा पसरा हुआ है। बोटिग समेत सभी सुविधाएं बंद पड़ी हैं। जीएमवीएन के आसन पर्यटन स्थल के प्रबंधक विश्वनाथ बेंजवाल के अनुसार मार्च से जून माह में आने वाले पर्यटकों से ही जीएमवीएन को 15 से बीस लाख रुपये की आमदनी हो जाती थी, क्योंकि गर्मी के ये चार माह में ही सबसे अधिक पर्यटक आते थे, सालभर का औसत इन चार महीनों में निकल जाता था, लेकिन कोरोना महामारी ने पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित किया है। जिसके लंबे समय बाद पटरी पर आने की उम्मीद है।