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उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सिडकुल की सराहनीय पहल, आप भी जानिए

उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में सिडकुल ने सराहनीय पहल की है। अब उद्योग स्थापित करने से पहले उद्योगपतियों को भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने को सीडा (स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 01:45 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 01:45 PM (IST)
उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सिडकुल की सराहनीय पहल, आप भी जानिए
उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सिडकुल की सराहनीय पहल।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में सिडकुल ने सराहनीय पहल की है। अब उद्योग स्थापित करने से पहले उद्योगपतियों को भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने को सीडा (स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वह सीडा से संबद्ध आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाकर सीधे निर्माण शुरू कर सकेंगे।

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सिडकुल के महाप्रबंधक पीसी दुम्का के मुताबिक सीडा की 18वीं बोर्ड बैठक में सचिव सचिन कुर्वे की पहल पर यह निर्णय लिया गया। बोर्ड के निर्णय के मुताबिक संबंधित उद्योगपति व आर्किटेक्ट इस आशय का आवेदन पत्र देंगे कि निर्धारित बायलॉज के मुताबिक नक्शा तैयार किया गया है, जो भी निर्माण किया जाएगा, उसमें सभी नियमों का पालन किया जाएगा।

इसके बाद दो वर्ष के भीतर निर्माण पूरा करना होगा और उत्पादन शुरू करने से पूर्व सीडा से कार्यपूर्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। इस दौरान सीडा कार्मिक प्रचलित बायलॉज के मुताबिक निर्माण की परख पर नक्शे को हरी झंडी देंगे या निरस्त कर देंगे। एक तरह से स्वप्रमाणित व्यवस्था के तहत ही उद्योग इकाई में भवन निर्माण किया जा सकेगा। 

हालांकि, बाद में नियमों में किसी तरह का उल्लंघन पाया जाता है तो सीडा आवश्यक कार्रवाई करेगा और संबंधित आर्किटेक्ट कार्रवाई की जद में आएंगे। सिडकुल के महाप्रबंधक दुम्का के मुताबिक अब तक निर्माण से पहले नक्शा पास कराना होता है और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अग्निशमन की अनुमति भी पहले प्राप्त करनी होती है। इस तरह कई दफा उद्योगों की स्थापना में विलंब हो जाता है और उद्योगपति इससे अनावश्यक रूप से परेशानी में पड़ जाते हैं।

नजीर बन सकती है सीडा की व्यवस्था

सीडा की पहल उद्योग आस्थानों में लागू होगी, मगर अन्य विकास प्राधिकरण भी इसे अपना सकते हैं, क्योंकि कमोबेश सभी जगह यह देखने में आता है कि नक्शा पास कराने के लिए निर्माणकत्र्ता खासे परेशान रहते हैं। 

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