पिता की परचून की दुकान, बेटा बनेगा इंजीनियर
जेईई मेन में 256 अंक हासिल करने वाले अक्षत विजय बताते हैं कि पिता कुसुम कुमार परचून की दुकान चलाते हैं और मां कांति देवी गृहिणी हैं। अक्षत ने इसी साल 12वीं की परीक्षा दी है।
देहरादून, [जेएनएन]: दून की पहचान न केवल एजुकेशन हब के रूप में है, बल्कि अब यहां छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी पहुंच रहे हैं। जिनमें सिर्फ उत्तर प्रदेश या हिमाचल ही नहीं, बल्कि कई अन्य राज्यों के छात्र भी शामिल हैं। जेईई मेन में 256 अंक हासिल करने वाले अक्षत विजय यूं तो राजस्थान के रहने वाले हैं। लेकिन, इंजीनियरिंग की तैयारी उन्होंने देहरादून में ही रहकर की।
अक्षत बताते हैं कि शुरुआत से ही उनकी इच्छा आइआइटी में जाने की थी। वह एक बेहद ही सामान्य परिवार से आते हैं। पिता कुसुम कुमार परचून की दुकान चलाते हैं और मां कांति देवी गृहिणी हैं। अक्षत ने इसी साल 12वीं की परीक्षा दी है। छोटे से घर के इस नौनिहाल ने बड़ा सपना देखा और अब वह पूरा होने वाला है। वह बताते हैं कि किसी जानने वाले ने उन्हें दून में इंजीनियरिंग की तैयारी करने की सलाह दी।
वह यहां अविरल क्लासेज के निदेशक डीके मिश्रा के संपर्क में आए। उन्होंने न केवल एक शिक्षक के तौर पर मार्गदर्शन किया, बल्कि किसी अभिभावक की ही तरह हर जिज्ञासा व मुश्किल को दूर किया। यहां से कोर्स पूरा कर वह घर लौटे तो दिन में कई फोन उन्हें किया करते थे। अक्षत बताते हैं कि वह आर्टिफीशियल इंटेलीजेंसी में कुछ बड़ा करने की चाहत रखते हैं। उन्हें विश्वास है कि जो सपना उन्होंने देखा है वह जरूर पूरा होगा।
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