Move to Jagran APP

थाईलैंड तक फैला था शकूर के क्रिप्टो करेंसी का धंधा Dehradun News

क्रिप्टो करेंसी की आभासी दुनिया के बादशाह शकूर का कारोबार सात समंदर पार थाईलैंड तक फैला हुआ था। इसे देखते हुए पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 09:43 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 09:43 AM (IST)
थाईलैंड तक फैला था शकूर के क्रिप्टो करेंसी का धंधा Dehradun News
थाईलैंड तक फैला था शकूर के क्रिप्टो करेंसी का धंधा Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। क्रिप्टो करेंसी की आभासी दुनिया के बादशाह शकूर का कारोबार सात समंदर पार तक फैला हुआ था। उसने थाईलैंड में भी आफिस खोल रखा था, जहां से उन देशों के कारोबारी लगातार उसके संपर्क में रहते थे, जहां अभी भी क्रिप्टो करेंसी को मान्यता मिली हुई है। इसे देखते हुए पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए तकनीकी सहयोग के लिए एसटीएफ को भी तफ्तीश में शामिल कर लिया है। साथ ही शकूर के हत्या के आरोप में फरार पांच आरोपितों के पासपोर्ट आदि की जानकारी जुटा पुलिस लुक आउट सर्कुलर जारी करने की तैयारी में जुटी है। 

prime article banner

विदेश तक में फैले अब्दुल शकूर के साम्राज्य की परतें जैसे-जैसे खुल रही हैं, वैसे-वैसे उसके बारे में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। केरल पुलिस से अब तक मिले फीडबैक से पता चला है कि शकूर का थाईलैंड में भी आफिस है। यहां वह अपने विदेशी निवेशकों के साथ डील करता था। इस आफिस के बारे में शकूर के कोर गु्रप के मेंबर रिहाब, आसिफ, अरशद व मुनीफ को ही जानकारी थी। 

कोर ग्रु्प के टीम मेंबर के एक-दो सदस्यों को ही थाईलैंड के आफिस के बारे में कुछ मालूम था। इस जानकारी के सामने आने के बाद यह तो साफ हो गया कि शकूर का देश में ही नहीं विदेशों में भी क्रिप्टो करेंसी का कारोबार फैला हुआ था। 

राष्ट्र विरोधी गतिविधि का भी शक

महज चौबीस साल की उम्र और क्रिप्टो करेंसी के दो साल के कारोबार में शकूर इतनी बुलंदियों तक पहुंच गया कि उसके जिगरी दोस्त भी उसकी एक झलक पाने को तरसते थे। दक्षिण भारत की नामचीन हस्तियों से लेकर बड़ी संख्या में विदेशी भी उसके निवेशकों की सूची में शामिल थे। उसकी लाइफस्टाइल किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं थी। क्रिप्टो करेंसी के इतने बड़े धंधे से पुलिस को यह भी शक है कि कहीं इसमें राष्ट्र विरोधी तत्व भी तो शामिल नहीं थे। 

इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अंडरवर्ल्ड से लेकर आतंकी संगठन तक क्रिप्टो करेंसी का भरपूर इस्तेमाल करते हैं। फिलहाल पुलिस इस बिंदु को लेकर अभी कुछ भी बोलने से बच रही है।

यह था पूरा प्रकरण

अब्दुल शकूर को लेकर उसके दोस्त 12 अगस्त को देहरादून पहुंचे थे। यहां शहर के बाहर प्रेमनगर के पास किराये पर कमरा लिया और वहीं पर क्रिप्टो करेंसी का पासवर्ड जानने के लिए शकूर को यातनाएं देनी शुरू कीं। इन यातनाओं के चलते 29 अगस्त की रात शकूर की मौत हो गई, जिसके बाद उसके दोस्त शव को मैक्स अस्पताल में छोड़ कर भाग गए। 

दरअसल, शकूर क्रिप्टो करेंसी में लोगों से निवेश कराता था। इसके लिए कोर ग्रुप बना रखा था। कोर ग्रुप में रिहाब, अरशद, आसिफ व मुनीफ शामिल थे। कोर गु्रप के सदस्यों ने भी अपनी टीम बना रखी थी। 

इस टीम में आशिक, सुफेल, आफताब, फारिस ममनून, अरविंद सी व आसिफ शामिल थे। यह टीम क्रिप्टो करेंसी में निवेश के लिए बिचौलिए का काम करती थी। आशिक शकूर का बचपन का दोस्त था। शुरुआती दिनों में सब ठीक चलता रहा और क्रिप्टो करेंसी में हजारों लोगों से निवेश कराकर शकूर 24 साल की उम्र में ही साइबर बिजनेसमैन बन गया। 

करीब एक साल पहले वह अचानक भूमिगत हो गया। तब उसने बताया था कि उसका अकाउंट हैक हो गया है, लेकिन शकूर के गायब होने से निवेशक परेशान थे। वह उसकी तलाश में जमीन-आसमान एक किए थे, मगर उसका जब कुछ पता नहीं चला। शकूर जब सामने आया तो उसके दोस्तों ने उसके खिलाफ साजिश रचनी शुरू कर दी, जिसके तहत उसे घुमाने के बहाने देहरादून लेकर आए थे।

यह भी पढ़ें: शकूर की हत्या की जानकारी मिलने पर पुलिस से संपर्क कर रहे निवेशक Dehradun News

घरों पर दबिश, नहीं मिले फरार साथी

उत्तराखंड पुलिस शकूर हत्याकांड को लेकर केरल पुलिस के साथ लगातार संपर्क में बनी हुई है। सूत्रों की मानें तो केरल पुलिस ने फरार आरोपितों के घरों और उनके नाते-रिश्तेदारों के घरों पर दबिश दे रही है, लेकिन वह सभी अभी तक अपने घरों तक नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में पुलिस ने दिल्ली, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कई औ राज्यों और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों वाले हवाई अड्डों को फरार आरोपितों की फोटो सर्कुलेट कर दिया है। साथ सभी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर नोटिस जारी करने की भी तैयारी चल रही है।

यह भी पढ़ें: 485 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी का मालिक था शकूर, पासवर्ड के लिए दोस्तों ने की हत्या

जांच में एसटीएफ को भी किया गया शामिल 

देहरादून के एसएसपी अरुण मोहन जोशी के अनुसार, शकूर के थाईलैंड आफिस के बारे में जानकारी मिली है। इसके साथ कुछ और बिंदु भी सामने आए हैं। इन सब की जांच में एसटीएफ को भी शामिल किया गया है। फरार आरोपितों के पासपोर्ट के बारे में जानकारी लुक आउट सर्कुलर जारी करने की तैयारी चल रही है, ताकि वह विदेश न भाग सकें। 

यह भी पढ़ें: केरल के व्यापारी की हत्या, शव अस्पताल में छोड़ भागे दोस्त Dehradun News


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.