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इतिहास को सिनेमा व्यवसाय बनाना बड़ी भूल: पुष्पेश पंत

जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर पद्मश्री पुष्पेश पंत ने कहा कि आधुनिक सिनेमा में इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है। यह आज की बड़ी भूल है।

By Edited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 11:55 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 12:54 PM (IST)
इतिहास को सिनेमा व्यवसाय बनाना बड़ी भूल: पुष्पेश पंत
इतिहास को सिनेमा व्यवसाय बनाना बड़ी भूल: पुष्पेश पंत

देहरादून, जेएनएन। जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर पद्मश्री पुष्पेश पंत ने कहा कि आधुनिक सिनेमा में जो इतिहास दिखाया जा रहा है वह इतिहास वास्तविक न होकर व्यवसायिक रूप से तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया जा रहा है। इससे समाज में विभिन्न संप्रदायों के बीच आपसी वैमनस्य फैल रहा है। यह आज की बड़ी भूल है। 

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श्री गुरुराम राय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पथरीबाग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमीनार 'इतिहास और साहित्य में पारंपरिक संबंध' विषय पर मुख्य वक्ता पुष्पेश पंत के अलावा यूसर्क के निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत व महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. वीए बौड़ाई ने प्रथम सत्र का उद्घाटन किया। 

पुष्पेश पंत ने कहा कि इतिहास और साहित्य में गहरा संबंध है। उनका मत है कि इतिहास एवं साहित्य स्मृति पर आधारित हैं। प्रो. दुर्गेश पंत ने पौराणिक कथाओं को भी इतिहास का अंग बताया और कहा कि इन कथाओं को इतिहास के साथ जोड़ा जाना चाहिए। 

प्राचार्य प्रो. वीए बौड़ाई ने सत्र के समापन पर सेमीनार की रूपरेखा रखी एवं सभी उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद किया। इस सत्र का संचालन डॉ. मधु ने किया। द्वितीय सत्र में इन्होंने रखे विचार गढ़वाल विवि की प्रो. सुरेखा डंगवाल ने अपने विचार प्रस्तुत किए। 

नंदा राजजात पर अपना शोध करने वाले मनोवैज्ञानिक प्रो. विलियम्स एस को नौटी कल्याण समिति की ओर से पंडित देवराम नौटियाल सम्मान से सम्मानित किया गया। इस सत्र में विभिन्न कॉलेज एवं विवि के शोधार्थियों की ओर से शोध पत्र प्रस्तुत किए। 

समापन समारोह में कुमाऊं विवि के पूर्व कुलपति प्रो. वीके जोशी, पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा व समाजसेवी लोकेश ओहरी ने अपने विचार रखे। सेमीनार में मीडिया प्रभारी डॉ. एचवी पंत, डॉ. प्रदीप सिंह, डॉ. एके गुप्ता, डॉ. संदीप नेगी आदि मौजूद रहे। 

प्रसिद्ध विश्लेषक हैं पुष्पेश पंत 

पूर्व प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष, कूटनीतिक अध्ययन, सेंटर फॉर इंटरनेशनल पॉलीटिक्स, ऑर्गेनाइजेशन एंड डिसआर्मामेंट, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में 32 वर्ष का अनुभव है। उन्होंने 25 शोधार्थियों को पीएचडी और 75 छात्रों को एमफिल डिग्री के लिए निर्देशित किया। 

प्रो. पंत ने जेएनयू के कोर्ट के साथ-साथ कार्यकारी अधिकारी और शैक्षिक परिषदों में सेवा प्रदान की हैं। प्रो. पंत कुंमाऊ विवि नैनीताल की कार्यकारिणी के सदस्य वं संस्कृति विभाग, केंद्र सरकार एवं राष्ट्रीय टेक्नोलॉजी मिशन की स्टीयरिंग कमेटी, विज्ञान व तकनीकी विभाग के सलाहकार भी रहे। 

प्रो. पंत ने वर्ष 1971 से 1980 तक जेएनयू के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन स्कूल में आइएफएस परीक्षार्थी प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम निदेशक एवं संयुक्त पाठ्यक्रम निदेशक के रूप में कार्य किया।

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