केंद्र सरकार के आदेश के बाद भी दून में जारी नहीं हुआ वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन नंबर
केंद्र सरकार के आदेश के तीन माह बाद भी दून में वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन नंबर जारी नहीं हो पाया। दोनों ही विभाग इस मामले में एक-दूसरे के पाले में गेंद फेंकने में लगे हुए हैं।
देहरादून, जेएनएन। वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज का अहम हिस्सा हैं। इसके बावजूद पुलिस और समाज कल्याण विभाग उनकी अनदेखी कर रहा है। इसी की बानगी है कि केंद्र सरकार के आदेश के तीन माह बाद भी दून में वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन नंबर जारी नहीं हो पाया। इससे भी गंभीर यह है कि दोनों ही विभाग इस मामले में एक-दूसरे के पाले में गेंद फेंकने में लगे हुए हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 बनाया है। इसके तहत प्रत्येक जिले में वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाना है। लेकिन, दून में अधिकारियों को मानो वरिष्ठ नागरिकों से कोई सरोकार ही नहीं है। तभी तो यह कार्य अब तक परवान नहीं चढ़ पाया है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद केंद्र सरकार की ओर से इस आशय का पत्र नौ अगस्त 2019 को ही निदेशक समाज कल्याण विभाग को उपलब्ध करवा दिया गया था।
जिम्मेदारों की सुनिये
इस बारे में पूछने पर पुलिस महानिदेशक (अपराध एंव कानून व्यवस्था) अशोक कुमार ने कहा कि हेल्पलाइन नंबर समाज कल्याण विभाग की ओर से लांच किया जाना है। जैसे ही नंबर लांच होगा, वह पूरी टीम का गठन कर देंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल पुलिसकर्मी अन्य हेल्पलाइन पर सक्रिय होकर वरिष्ठ नागरिकों की सहायता कर रहे हैं। वहीं, समाज कल्याण विभाग अधिकारी जीत सिंह रावत का कहना है कि यह पुलिस विभाग का काम है। इससे उनका कोई लेना देना नहीं।
डीएम ने भी बैठक में दिए थे आदेश
इस विषय में पिछले सप्ताह डीएम सी. रविशंकर ने संबंधित अधिकारियों से बैठक में चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को इसका नोडल ऑफीसर नामित करने के साथ जिला समाज कल्याण अधिकारी को परामर्श समिति गठित करने का आदेश भी दिया था।
महिला हेल्पलाइन को बताया वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन नंबर
अपर पुलिस अधीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था ममता बोहरा ने बताया कि पुलिस विभाग ने वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 7579089236 जारी किया है। इसमें वर्ष भर में 125 शिकायतें आईं और एक केस रजिस्टर हुआ। लेकिन, पड़ताल करने पर पता चला कि उक्त नंबर महिला हेल्पलाइन की ऑफीसर कांस्टेबल विनीता के पास रहता है। उन्होंने बताया कि यह नंबर महिलाओं की शिकायत दर्ज करने के लिए जारी किया गया था, जो उनके पास है। इसे ही वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन नंबर बनाया गया है। जो उनके पास है।
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यह कहता है वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम 2007
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए जिला पुलिस मुख्यालय में हेल्पलाइन या टोल फ्री नंबर की स्थापना की जाए।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रत्येक सरकारी कार्यालय में एक रजिस्टर रखा जाए ताकि वहां वरिष्ठ नागरिक अपनी शिकायत दर्ज कर सकें और उन शिकायतों का जल्द निस्तारण किया जा सके।
- सरकारी सहायता प्राप्त अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेड आरक्षित किए जाएं।
- ऐसे स्थलों का चयन किया जाए, जहां वरिष्ठ नागरिक सुरक्षित निवास कर सकें।
- वरिष्ठ नागरिकों का उत्पीडऩ किए जाने पर त्वरित कार्रवाई।
- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से वरिष्ठ नागरिकों को निश्शुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाए।
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