लोकतंत्र में काले अध्याय के रूप में दर्ज रहेगा आपातकाल
आपातकाल की 47वीं वर्षगांठ पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने भारतीय लोकतंत्र में आपातकाल को काला अध्याय बताया।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
आपातकाल की 47वीं वर्षगांठ पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने भारतीय लोकतंत्र में आपातकाल को काला अध्याय बताया। इस अवसर पर आंदोलन में जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों के आश्रितों को सम्मानित किया गया।
शनिवार को आवास विकास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में आयोजित गोष्ठी में काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के शासन के दौरान वर्ष 1975 में लगा आपातकाल काले अध्याय से कम नहीं था। इस दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचला गया। आपातकाल के दौरान पूरे देश में लोकतांत्रित तरीके से आंदोलन हुए। अग्रवाल ने कहा कि इस वक्त सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग भी किया गया। अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस ने उस समय अपनी सत्ता बचाने और राजनीति स्वार्थ पूरा करने के लिए लोकतंत्र की हत्या देश में आपातकाल लगाकर की थी।
महापौर अनीता ममगाईं ने कहा कि आपातकाल में जयप्रकाश नारायण की अगुआई में पूरा विपक्ष एकजुट हो गया और देशभर में इंदिरा के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ। सरकारी मशीनरी विपक्ष के आंदोलन को कुचलने में लग गई थी। आंदोलनकारियों को जेल में डाला जाने लगा। 21 मार्च 1977 तक देश आपातकाल में पिसता रहा। कार्यक्रम में लोकतंत्र सैनानियों व उनके आश्रितों बृजेश चंद शर्मा, दया शंकर पांडेय, भारतेंदु शंकर पांडेय आदि को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता मयंक गुप्ता, देवेंद्र दत्त सकलानी, मंडल अध्यक्ष ऋषिकेश दिनेश सती, मंडल अध्यक्ष वीरभद्र अरविद चौधरी, मंडल अध्यक्ष महिला मोर्चा उषा जोशी, प्रधानाचार्य राजेन्द्र पांडेय, कपिल गुप्ता, संजय शास्त्री, सुमित पंवार, जयंत शर्मा, व्यापारी नेता प्रतीक कालिया, पार्षद प्रदीप कोहली आदि उपस्थित थे।