Move to Jagran APP

उत्तराखंड में अनुसूचित जाति बाहुल्य गावों के विकास पर फोकस, राज्यपाल ने दिए ये दिशा-निर्देश

अनुसूचित जाति बाहुल्य गावों में स्वावलंबी अर्थव्यवस्था विकसित की जाएगी। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 04:26 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 04:26 PM (IST)
उत्तराखंड में अनुसूचित जाति बाहुल्य गावों के विकास पर फोकस, राज्यपाल ने दिए ये दिशा-निर्देश
उत्तराखंड में अनुसूचित जाति बाहुल्य गावों के विकास पर फोकस, राज्यपाल ने दिए ये दिशा-निर्देश

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में अनुसूचित जाति बाहुल्य गावों में स्वावलंबी अर्थव्यवस्था विकसित की जाएगी। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने निर्देश दिए कि राज्य के अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों में त्वरित विकास के लिए कृषि और स्वरोजगार आधारित आर्थिक गतिविधियों की संभावनाओं का सर्वेक्षण किया जाए। इन गांवों में बहुलता से पैदा होने वाले कृषि उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही बकरी पालन, दुग्ध उत्पादन और छोटे उद्यमों जैसे आर्थिक लाभ के कार्यों के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित भी किया जाए। 

prime article banner

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार को राजभवन में उत्तराखंड में अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों में स्वावलंबी अर्थव्यवस्था विकसित करने के निर्देश दिए हैं। राज्यपाल के निर्देशों के तहत यह कार्य देहरादून जिले से शुरू किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से राज्यपाल ने देहरादून के जिलाधिकारी और सीडीओ को भी बुलाया था। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य जल्द ही देहरादून के एक अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव झाझरा (मजरा-बंशीवाला) का दौरा करेंगी और ग्रामीणों से सीधा संवाद करेंगी। राज्यपाल हरिद्वार, टिहरी और अन्य जनपदों के अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों का भी दौरा करेंगी और विकास कार्यों की समीक्षा करेंगी। राज्यपाल मौर्य ने जनपद हरिद्वार, टिहरी, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी के अनुसूचित बाहुल्य गांवों के विकास पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए है। 

इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग ने जानकारी दी कि जनपद देहरादून के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति की जनसंख्या 119123 और शहरी क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति की जनसंख्या 109778 है। जनपद देहरादून के चकराता, त्यूणी, कालसी, विकासनगर, देहरादून और ऋषिकेश तहसीलों में कुल 141 गांव अनुसूचित बाहुल्य गांव है, जहां 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति के व्यक्ति निवास करते हैं।

यह भी पढ़ें: आजीविका की नई संभावनाओं पर योजनाएं तैयार करेंगे विभाग, 218 करोड़

इस अवसर पर प्रमुख सचिव एल फैनई, सचिव राज्यपाल बृजेश कुमार संत, जिला अधिकारी देहरादून डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी निकिता खंडेलवाल, निदेशक समाज कल्याण विभाग आदि उपस्थित थे।

यह भी पढ़ें: ढाई साल बाद परवान चढ़ेगी 'आइएमए विलेज' योजना


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.