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हाथों के हुनर से जिंदगी की जंग जीतेंगी महिला कैदी

अलग-अलग अपराधों में सुद्धोवाला जेल में सजा काट रही महिला कैदियों को प्रशिक्षण देकर इस काबिल बनाया जाएगा कि वो जेल से बाहर आकर नए जीवन की शुरुआत कर सकें।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 13 Apr 2018 03:05 PM (IST)Updated: Sun, 15 Apr 2018 04:59 PM (IST)
हाथों के हुनर से जिंदगी की जंग जीतेंगी महिला कैदी
हाथों के हुनर से जिंदगी की जंग जीतेंगी महिला कैदी

देहरादून, [गौरव ममगाईं]: अलग-अलग अपराधों में सुद्धोवाला जेल में सजा काट रही महिला कैदियों के हाथों में हुनर पैदा करने की कवायद की जा रही है। इसके तहत उन्हें प्रशिक्षण देकर इस काबिल बनाया जाएगा कि वो जेल से बाहर आकर नए जीवन की शुरुआत कर सकें। इसका बीड़ा महिला एवं बाल विकास विभाग ने उठाया है। योजना के तहत 39 महिला कैदियों का चयन किया गया है, जिन्हें हस्तशिल्प और हथकरघा समेत अलग-अलग विधा में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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दरअसल, बाल एवं महिला विकास विभाग की ओर से मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण कौशल विकास योजना के लिए सुद्धोवाला जिला कारागार का चयन किया गया है। योजना के तहत महिला कैदियों को उनकी इच्छा के अनुसार कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कुछ दिनों पहले विभाग की ओर से जिला कारागार में सर्वे किया गया। इसमें कारागार की सभी 63 महिला कैदियों से कौशल विकास का प्रशिक्षण लेने के लिए उनकी इच्छा जानी गई, जिसमें से 39 कैदियों ने प्रशिक्षण में रुचि दिखाई। इनमें अधिकांश की उम्र 40 वर्ष से कम है। साथ ही इन महिलाओं में करीब 10 कैदी उम्रकैद और 14 पांच से सात वर्ष की सजा काट रही हैं। महिला कैदियों का मानना है कि यह प्रशिक्षण भविष्य में उनके लिए काफी कारगर साबित होगा।

इसका दिया जाएगा प्रशिक्षण

ब्यूटीशियन, सिलाई-कढ़ाई, हथकरघा, हस्तशिल्प, बुटिक।

उपेक्षा भरी नजरों से देखती है दुनिया

योजना का मकसद महिला कैदियों को स्वरोजगार से जोडऩा और आत्मनिर्भर बनाना है। क्योंकि यह देखा जाता है कि सजा पूरी करने के बाद जब कैदी जेल से बाहर आता है तो उन्हें रोजगार के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। उनके साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार भी होता है। प्रशिक्षण मिलने के बाद वो स्वरोजगार के जरिये अपनी आजीविका कमा सकेंगी।

राज्य परियोजना अधिकारी (महिला सशक्तीकरण देहरादून) आरती बलोदी का कहना है कि योजना का श्रेय प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास राधा रतूड़ी को जाता है। इसकी रूपरेखा तय करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भविष्य में इस योजना को विस्तार भी दिया जा सकता है। जल्द ही प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा।

कारागार अधीक्षक (जिला कारागार देहरादून) महेंद्र सिंह ग्वाल का कहना है कि महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से कुछ दिनों पहले जेल में सर्वे किया गया था। जिसके तहत महिला कैदियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने की योजना है। महिला सशक्तीकरण और स्वरोजगार के क्षेत्र में यह एक अच्छी पहल है। 

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