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सैन्य विशेषज्ञ बोले, रक्षा उत्पादन से बढ़ेगी आत्मनिर्भरता

बजट में रक्षा क्षेत्र को लेकर सरकार के नए कदम से सीमांत व सैन्य बहुल उत्तराखंड में लोगों को काफी उम्मीदें जगी हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 07:25 PM (IST)Updated: Fri, 02 Feb 2018 09:27 PM (IST)
सैन्य विशेषज्ञ बोले, रक्षा उत्पादन से बढ़ेगी आत्मनिर्भरता
सैन्य विशेषज्ञ बोले, रक्षा उत्पादन से बढ़ेगी आत्मनिर्भरता

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v>देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: बजट में रक्षा क्षेत्र को लेकर सरकार के नए कदम से सीमांत व सैन्य बहुल उत्तराखंड में लोगों को काफी उम्मीदें जगी हैं। प्रदेश के सुरक्षित व शांत औद्योगिक वातावरण के चलते प्रदेश में निवेशकों के आने की संभावनाएं जताई गई हैं। 
उत्तराखंड सैनिक बहुल प्रदेश है। प्रदेश का हर छठा व्यक्ति सेना से जुड़ा है। सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े लोग व उनके परिजनों की तादाद 25 लाख के आसपास है। सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराना अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया है। सरकार ने सेना के बजट में इस वर्ष 15000 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की है। इससे निश्चित तौर पर सीमांत इलाकों में ढांचागत निर्माण के साथ ही अन्य सुविधाओं में इजाफा होगा। इसके साथ ही केंद्र ने रक्षा औद्योगिक अनुकूल रक्षा उत्पादन नीति 2018 लाने का निर्णय लिया है। साथ ही दो रक्षा औद्योगिक गलियारे खोलने का भी निर्णय लिया है। ले.जनरल (सेवानिवृत्त) ओपी कौशिक के अनुसार रक्षा औद्योगिक गलियारे खुलने और औद्योगिक अनुकूल रक्षा नीति से सेना को फायदा होगा। इससे दूसरे देशों से हथियार लेने की निर्भरता कम होगी। निजी निवेशकों के आने से नई तकनीक भी देश में आएगी जो खासी फायदेमंद साबित होगी। 
रक्षा अनुसंधान विकास संगठन के पूर्व वैज्ञानिक प्रभु डंडरियाल औद्योगिक रक्षा गलियारों को खोलने से भारत की विदेशी निर्यात से निर्भरता कम होगी। अभी सरकार 70 फीसद सैन्य उपकरण विदेशों से खरीदती है। शेष 30 फीसद की आपूर्ति आर्डिनेंस फैक्ट्री व अन्य निजी फैक्ट्रियों के जरिये की जाती है। मेक इन इंडिया के तहत सरकार पहले भी रक्षा उत्पादन क्षेत्र में निजी निवेशकों को लाने का संकेत दे चुकी है और अब बजट में यह साफ हो गया है। इससे न केवल सेना आत्मनिर्भर बनेगी बल्कि भविष्य में इनका निर्यात कर राजस्व भी बढ़ाया जा सकता है।

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