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स्वस्थ शरीर में जागृत होती है योग चेतना

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन मुंगेर विश्वविद्यालय के स्वामी आत्म स्वरूपानन्द ने योग साधकों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि योग विज्ञान से अलग नही है। आज दुनियां में कोई भी व्यक्ति नहीं जो योग के बारे में नहीं जानता हो या किसी न किसी माध्यम से योग विधा के प्रति उसकी जिज्ञासा जागृत न हुई हो।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 09:06 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 06:14 AM (IST)
स्वस्थ शरीर में जागृत होती है योग चेतना
स्वस्थ शरीर में जागृत होती है योग चेतना

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन मुंगेर विश्वविद्यालय के स्वामी आत्म स्वरूपानन्द ने योग साधकों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि योग विज्ञान से अलग नही है। आज दुनियां में कोई भी व्यक्ति नहीं जो योग के बारे में नहीं जानता हो या किसी न किसी माध्यम से योग विधा के प्रति उसकी जिज्ञासा जागृत न हुई हो।

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उन्होंने कहा कि योग चेतना स्वस्थ शरीर में ही अवतरित हो सकती है। मानव अमीबा की तरह एक कोशकीय प्राणी नहीं है। उन्होंने कहा कि मनुष्य बहुकोशिकीय प्राणी है जिसके शरीर में पांच अलग-अलग शरीर विद्यमान हैं। पहला अंन्नमय शरीर, दूसरा प्राणमय शरीर, तीसरा मनोमय शरीर, चौथा विज्ञानमय शरीर, पांचवां आनन्दमय शरीर। आनन्दमय शरीर शेष चार शरीरों को जीतने के बाद मिलता है जो कि सांसारिक सभी वासनाओं से मुक्त होता है। वहीं दूसरी ओर प्रात:कालीन सत्र में योगाचार्य रोशन कुमार नायडू द्वारा पिरामिड ब्रीथ मेडिटेशन के बारे में योग साधकों को जानकारी दी व इसका योगाभ्यास भी कराया। उन्होंने कहा है कि इस योग क्रिया से कैंसर जैसे असाध्य रोगों पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है। इस योग साधना से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने से किसी प्रकार का भी वाह्य वायरस व्यक्ति के शरीर को संक्रमित नहीं कर सकता है। ग्वालियर से आये योगाचार्य स्वामी जीतानन्द महाराज ने योग प्रशिक्षार्थियों को दिव्य अभ्यांन्तर क्रिया का अभ्यास कराया। उन्होंने कहा है कि इस योग क्रिया से शारीरिक व मानसिक विकृतियां दूर होती हैं और साधक दिव्यता का अनुभव करता है। प्रात:कालीन योग कक्षाओं में योगिनी ऊषा माता ने आयंगर योग का अभ्यास कराया।

स्टॉल कर रहे हैं साधकों को आकर्षित

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में विभिन्न संस्थाओं ने अपने स्टॉल भी लगाए हैं। जिसमें सरस्वती जन कल्याण एवं स्वरोजगार संस्थान, जनगणना कार्य निदेशालय उत्तराखंड, आध्यात्म विज्ञान सत्संग केन्द्र, कुम्भ मेला-2021, आयुर्वेदा सदन, आर्गेनिक फूड केंद्र, गुड लीविग ऑर्गेनिक हरिद्वार, आयुर्वेदिक सदन, रिट्रीट फॉर मी, सेवा टीएचडीसी, एचडीएफसी बैंक, आजीविका परियोजना, गॉग बाथ, दिव्य ऐस्ट्रो प्वांइंट, योगादा सतसंग ध्यान मंण्डली हरिद्वार, हथकरधा व हस्तशिल्प के उत्पादों एवं स्वयं सहायता समूहों आदि के स्टॉल लगाए गए हैं, जो योग साधकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।

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अजय प्रसन्ना ने दी बांसुरी की प्रस्तुति

मंगलवार को गंगा रिसार्ट में आयोजित योग महोत्सव में प्रख्यात बांसुरी वादक पं. अजय प्रसन्ना ने प्रस्तुति दी। उन्होंने राग वाचस्पति की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि वाचस्पति का शाब्दिक अर्थ ही विद्वान होता है और किसी भी साधना में तभी सफलता मिलती है जब उसे विद्वान, गुरुस्वरूप व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होता है। फिर चाहे वह संगीत हो या योग। उन्होंने अजय राग पहाड़ी पर आधारित धुन भी प्रस्तुत की।


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