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सचिवालय संघ ने गोल्डन कार्ड को वापस करने का लिया निर्णय, पढ़ि‍ए पूरी खबर

सचिवालय संघ ने गोल्डन कार्ड से चिकित्सा सुविधा न मिलने का आरोप लगाते हुए इस कार्ड को वापस करने का निर्णय लिया है। सचिवालय संघ ने सभी सदस्यों से 19 मई से 24 मई तक ये कार्ड सचिवालय संघ कार्यालय में जमा करने की अपील की है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 07:05 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 07:05 AM (IST)
सचिवालय संघ ने गोल्डन कार्ड को वापस करने का लिया निर्णय, पढ़ि‍ए पूरी खबर
सचिवालय संघ ने गोल्डन कार्ड से चिकित्सा सुविधा न मिलने का आरोप लगाते हुए इसे वापस करने का लिया निर्णय।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। सचिवालय संघ ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर के मुफ्त इलाज के लिए बनाए गए गोल्डन कार्ड से चिकित्सा सुविधा न मिलने का आरोप लगाते हुए इस कार्ड को वापस करने का निर्णय लिया है। सचिवालय संघ ने सभी सदस्यों से 19 मई से 24 मई तक ये कार्ड सचिवालय संघ कार्यालय में जमा करने की अपील की है। इसके बाद ये कार्ड राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को वापस कर दिए जाएंगे।

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सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी का आरोप है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा बनाए गए गोल्डन कार्ड से कार्मिकों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। किसी अस्पताल में एक इलाज की सुविधा है तो दूसरे अस्पताल में अन्य इलाज की। इससे एक ही अस्पताल में भर्ती मरीज को अन्य बीमारियों के लिए शुल्क देना पड़ रहा है। इससे कार्मिकों को अंशदान देने के बावजूद भी मुफ्त इलाज नहीं मिल पा रहा है। 

शासन व प्राधिकरण से गोल्डन कार्ड की खामियों को दुरुस्त करने का कई बार अनुरोध करने के बावजूद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। गोल्डन कार्ड के नाम पर अंशदान कटौती प्राधिकरण की आय का स्रोत बन गया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक कार्ड की खामियां दूर नहीं होती, तब तक अंशदान कटौती भी नहीं होने दी जाएगा। इसके बावजूद ऐसा हुआ तो सचिवालय संघ मुखर होकर आवाज उठाएगा।

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दिनेश मानसेरा बने मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार

शासन ने मुख्यमंत्री कार्यालय में मीडिया सलाहकार का पद सृजित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा को इस पद पर तैनाती दी है। संयुक्त सचिव सचिवालय प्रशासन एनएस डुंगरियाल द्वारा जारी आदेश के अनुसार मीडिया सलाहकार का पद निसंवर्गीय होगा। यह पद 28 फरवरी 2002 अथवा मुख्यमंत्री की स्वेच्छा या मुख्यमंत्री के कार्यकाल तक ही अस्तित्व में रहेगा।

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