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उत्‍तराखंड : टिहरी झील में सी प्लेन उतरने का रास्ता हुआ साफ, पढ़िए पूरी खबर

टिहरी में सी प्लेन उतारने का सपना अब जल्द साकार होता नजर आ रहा है। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने देश के 17 वाटर एयरोड्रोम में टिहरी झील को भी शामिल किया है। इसके साथ ही इसे क्षेत्रीय संपर्क योजना में भी शामिल किया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 06:05 AM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 06:05 AM (IST)
उत्‍तराखंड : टिहरी झील में सी प्लेन उतरने का रास्ता हुआ साफ, पढ़िए पूरी खबर
टिहरी में सी प्लेन उतारने का सपना अब जल्द साकार होता नजर आ रहा है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। टिहरी में सी प्लेन उतारने का सपना अब जल्द साकार होता नजर आ रहा है। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने देश के 17 वाटर एयरोड्रोम में टिहरी झील को भी शामिल किया है। इसके साथ ही इसे क्षेत्रीय संपर्क योजना में भी शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही यहां वाटर एयरोड्रोम बनाने के साथ ही हवाई सेवा शुरू करने के लिए टेंडर भी आमंत्रित किए जाएंगे।

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प्रदेश की झीलों व नदियों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। टिहरी झील को पर्यटन के एक बड़े गंतव्य के रूप में प्रचारित किया गया है। प्रदेश सरकार पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लंबे समय से यहां सी प्लेन उतारने की योजना बना रही है। वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट अथारिटी के बीच यहां वाटर एयरोड्रम बनाने के लिए करार हुआ था। इस कड़ी में अब एयरपोर्ट अथारिटी ने इसे वाटर एयरोड्रम के रूप में चिह्नित कर लिया है। इससे यहां सी प्लेन उतरने का रास्ता भी साफ हो गया है।

हालांकि, इसमें अभी कुछ समय लगेगा। इससे पहले झील में एयरोड्रम की जगह चिह्नित की जाएगी। ये जगह ऐसी होगी जहां मोटर बोट के संचालन को अनुमति नहीं होगी। वाटर एयरोड्रम के निर्माण को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय व एएआई सहयोग करेगा। इसके सुरक्षा मानकों के लिए इनलैंड वाटर वेसल पालिसी भी बनाई जानी है, जिस पर अब जल्द काम शुरू होने की उम्मीद है। दरअसल, केंद्र में पहले से ही इनलैंड वाटर वेसल पॉलिसी लागू है और राज्य सरकारों को अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार इसके लिए अपनी नीति बनाने की व्यवस्था भी इसमें है। इसका मुख्य मकसद यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करना है।

क्या होता है सी प्लेन

सी प्लेन एक विशेष प्रकार का हवाई जहाज है, जिसे उड़ान भरने के लिए रनवे की जरूरत नहीं पड़ती है। यह प्लेन पानी से टेक आफ और लैंडिंग कर सकता है। इस प्लेन का उपयोग पर्यटन गतिविधियों के अलावा रेस्‍क्यू आपरेशन के दौरान सबसे अधिक किया जाता है।

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