कोरोनाकाल में एसडीआरएफ के जवान जरूरतमंदों की सहायता करने में हैं जुटे
हर आपदा में एसडीआरएफ की भूमिका सबसे अहम होती है। इस बार कोरोनाकाल में एसडीआरएफ के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर जरूरतमंदों की सहायता करने में जुटे हैं। कोरोना संक्रमितों को घरों में मेडिकल किट पहुंचाने से लेकर कांटेक्ट ट्रेसिंग व असहाय का अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। हर आपदा में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की भूमिका सबसे अहम होती है। इस बार कोरोनाकाल में एसडीआरएफ के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर जरूरतमंदों की सहायता करने में जुटे हैं। कोरोना संक्रमितों को घरों में मेडिकल किट पहुंचाने से लेकर कांटेक्ट ट्रेसिंग व असहाय का अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जब लोग संक्रमण की चपेट में आने लगे तो उनके सामने दवा का भी संकट खड़ा होने लगा। कई परिवार ऐसे हैं, जिनके घर पर सभी संक्रमित हैं। ऐसे में घरों में मेडिकल किट पहुंचाने की जिम्मेदारी एसडीआरएफ के जवानों को सौंपी गई। अब तक एसडीआरएफ की अलग-अलग टीम 3286 कोरोना संक्रमितों घरों में दवा की किट पहुंचा चुकी है। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है, तो एसडीआरएफ की टीम पता करती है कि इस दौरान उनके संपर्क में कौन-कौन लोग आए हैं। जवान अब तक 35371 व्यक्तियों का कांटेक्ट ट्रेसिंग कर चुकी है। इसके अलावा जो व्यक्ति घर पर आइसोलेट हैं, उनसे भी संपर्क किया जा रहा है। ऐसे 22022 व्यक्तियों से संपर्क किया जा चुका है।
दाह संस्कार की भी बड़ी जिम्मेदारी
कोरोना संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या में भी लगातार बढ़ रही है। कई ऐसे व्यक्ति हैं, जिनका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं होता है। एसडीआरएफ के जवान ऐसे मृतकों का अंतिम संस्कार खुद करते हैं। अब तक 39 व्यक्तियों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।
मंदिर सभागार को कोविड केयर सेंटर बनाने की पेशकश
खुड़बुड़ा मोहल्ला स्थित माता योगमाया मंदिर सभागार को अस्थायी कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए समर्पित करने की पेशकश की है। मंदिर के मुख्य ट्रस्टी मोती दीवान ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को इस संबंध में पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी को देखते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों को बिजली पानी युक्त सभागार में कोविड केयर सेंटर या क्वारंटाइन सेंटर बनाने लिए प्रशासन को उपलब्ध कराना चाहते हैं। प्रशासन यहां के लिए आक्सीजन बेड व अन्य उपकरण उपलब्ध कराएं जिसे इसके शीघ्र संचालित किया जा सके।
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