पार्टनरशिप से हासिल होगा सतत विकास लक्ष्य
राज्य ब्यूरो, देहरादून गरीबी उन्मूलन हो या किसानों की आमदनी में वृद्धि अथवा स्वास्थ्य व शिक्षा क
राज्य ब्यूरो, देहरादून
गरीबी उन्मूलन हो या किसानों की आमदनी में वृद्धि अथवा स्वास्थ्य व शिक्षा की मौजूदा चुनौतियां, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के विजन 2030 के लक्ष्यों को उत्तराखंड में हासिल करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कदम आगे बढ़ेंगे। विजन 2030 के साथ राज्य सरकार ने अपने विजन 2020 से जोड़कर कुछ लक्ष्यों को समय से पहले हासिल करने की योजना पर भी कदम आगे बढ़ाए हैं। इस सिलसिले में सोमवार को दो दिनी कार्यशाला शुरू हुई। कार्यशाला के उद्घाटन मौके पर बतौर मुख्य वक्ता अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड के सामने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) पर खरा उतरने की चुनौती है। इसके लिए डेटा मैकेनिज्म को मजबूत करना होगा। विभागों और प्रशासन के बीच तालमेल और पार्टनरशिप को बढ़ावा लक्ष्य हासिल करने पर जोर दिया जाना चाहिए।
सोमवार को 'उत्तराखंड में सतत विकास लक्ष्य का क्रियान्वयन: एकीकरण, स्थानीयकरण, डेटा संग्रह और अनुश्रवण एवं मूल्यांकन फ्रेमवर्क' विषय पर राजपुर रोड स्थित एक होटल में यूएनडीपी और नियोजन विभाग की ओर से आयोजित दो दिनी कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों के साथ ही देहरादून, ऊधमसिंहनगर और चंपावत के जिलाधिकारियों व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य पर सरकार आगे कदम बढ़ा चुकी है। विधानसभा सत्र में आउटकम बजट रखा गया तो एसडीजी पर विधानसभा में बकायदा चर्चा हुई। यूएनडीपी की कंट्री डाइरेक्टर मारियाना वॉल्टर ने कहा कि डेटा मैकेनिज्म को मजबूत कर एसडीजी को प्राप्त किया जा सकता है। इससे छोटे राज्यों को काफी फायदा होगा। एडिशनल कंट्री डाइरेक्टर डॉ राजेश कुमार ने एसडीजी के इतिहास और उस पर आगे बढ़ने की जरूरत के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यूएनडीपी का एसडीजी के माध्यम से पर्यावरण व सामाजिक, आर्थिक विकास में संतुलन पर जोर है।
उद्घाटन सत्र के बाद तीन तकनीकी सत्रों में 17 बिंदुओं पर तैयार किए गए सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए रणनीति पर मंथन हुआ। एसडीजी को लेकर राज्य सरकार की ओर से छह वर्किंग गु्रप बनाए गए हैं। कार्यशाला के दिनभर चले तीन तकनीकी सत्रों में सतत विकास लक्ष्य को पाने के लिए डेटा की वैधता व सत्यता को जरूरी बताया गया। जिलों से मिलने वाले प्रशासनिक डेटा की सत्यता पर संदेह जताया गया। साथ ही डेटा के अनुश्रवण व मूल्यांकन के लिए एसडीजी सेंटर की स्थापना की पैरवी की गई। वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार का अपना डेटा बैंक होना चाहिए। तकनीकी सत्रों में राजस्व परिषद अध्यक्ष एस रामास्वामी, वित्त सचिव अमित नेगी, यूएनडीपी की उत्तराखंड हेड रश्मि बजाज, यूएनडीपी नॉर्थ-ईस्ट इंडिया हेड जॉन बोर्गोयारी, नियोजन अपर सचिव डॉ रंजीत सिन्हा, डॉ मनोज पंत ने विचार रखे। चंपावत के जिलाधिकारी ने सतत विकास लक्ष्य के क्रियान्वयन को जिला प्रशासन के स्तर पर की जा रही पहल का प्रस्तुतीकरण दिया।