विज्ञान प्रदर्शनी में इन चीजों के बारे में जान छात्र हुए हैरान
विज्ञान प्रदर्शनी में छात्रों को पर्यावरण और इसमें घट रही हर तरह की घटनाओं केेबारे में बताया गया। जिसे जानकर छात्र बेहद हैरान भी हुआ।
देहरादून, [जेएनएन]: वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान में स्वर्ण जयंती समारोह के शुभारंभ अवसर पर स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए विज्ञान प्रदर्शनी आयोजित की गई। विभिन्न संस्थानों से प्रदर्शनी में आए छात्रों को शोधकर्ताओं ने व्याख्यान दिए। प्रदर्शनी में शामिल सभी विभागों ने अपने शोधकार्यो को पोस्टर, मॉडल, यंत्रों समेत वैज्ञानिक उपकरणों के माध्यम से प्रदर्शित किया।
वाडिया संस्थान में मंगलवार को विज्ञान प्रदर्शनी का शुभारंभ संस्थान की निदेशक डॉ. मीरा तिवारी ने किया। उन्होंने कहा कि स्कूली छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करने के लिए यह प्रदर्शनी लगाई गई है। हर किसी को पर्यावरण और इसमें घट रही घटनाओं की जानकारी होनी चाहिए।
वाडिया मीडिया प्रभारी डॉ. डीपी डोभाल ने बताया कि प्रदर्शनी में संस्थान के विगत 50 सालों के शोधों पर प्रकाश डाला। वाडिया संस्थान पिछले 50 सालों से खनिज, पर्यावरण, भूकंप, ग्लेश्यिर, मृदा अपरदन समेत अन्य विषयों पर शोध कर रहा है। प्रदर्शनी में भू-भौतिकी विभाग ने भूकंप, भूकंप पूर्वसूचक अध्ययन, सतह से भूगर्भ, जियोडेटिक अध्ययन की जानकारी देने के साथ अध्ययन में उपयोगी यंत्रो को प्रदर्शित किया।
शैलविज्ञान और भू-रासायनिकी विभाग ने हिमालय पर्वत श्रृंखला के भू-गतिकी विकास और शैलों के क्षय के विभिन्न तरीकों का अध्ययन प्रस्तुत किया। अवसादिकी समूह ने अवसादों की क्रियाशीलता, भू-दृश्य के पुराकाल से वर्तमान तक क्रमिक विकास के अध्ययन की जानकारी दी। संरचना और विवर्तनिकी समूह ने शैलों की विकृति के संदर्भ में शैलों के त्रिविमीय अध्ययन को पेश किया।
भू-आकृतिकी और पर्यावरण भू-विज्ञान विभाग ने भू-स्खलन, भू-आकृति, हिमनद आपदा और बचाव की जानकारी दी। जैवस्तरिकी विभाग ने हिमालयी जीवाश्मों का आधार पर हिमालय पर्वत श्रृंखला के क्रमिक विकास की विभिन्न घटनाओं को सामयिक आधार देने के अध्ययन की जानकारी छात्रों को दी। संस्थान की केंद्रीय सुविधाओं और प्रयोगशालाओं के विवरण के साथ भूकंप के दौरान सतर्कता और बचाव की जानकरी भी दी गई।
इस दौरान वाडिया संस्थान के रजिस्ट्रार पंकज कुमार, डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. किशोर कुमार, डॉ. डीआर राव, डॉ. आरके सहगल, डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, डॉ. वरुण मुखर्जी, डॉ. सुशील कुमार आदि वैज्ञानिक मौजूद रहे। स्कूली छात्रों की जिज्ञासा हुई शांत प्रदर्शनी में विभिन्न संस्थानों से आए छात्रों ने शोधकर्ताओं से शोधों को लेकर खूब सवाल-जवाब किए।
प्रदर्शनी में प्रस्तुत शोधों के साथ एक शोधकर्ता व्याख्या देने के लिए मौजूद था, जो छात्रों की हर जिज्ञासा को शांत करते नजर आए। 70 लाख साल पुराना हाथी का दांत विज्ञान प्रदर्शनी में पोस्टर, मॉडल, यंत्र समेत अनेक वैज्ञानिक उपकरण प्रस्तुत किए गए, लेकिन प्रदर्शनी में मुख्य आकर्षण 70 लाख साल पुराना हाथी का दांत था। यह दांत आम हाथियों के दांत से कई गुना बड़ा था, दांत को देखने और उसके बारे में जानकारी लेने के लिए छात्रों और अभिभावकों का तांता लगा रहा।
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